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Video: छोटी काशी में घर-घर होगा कन्या पूजन, जानें कब है अष्टमी और नवमी

नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। अष्टमी व नवमी को घर—घर में कन्या पूजन होता है। मान्यता है कि इस दिन कन्याओं को भोजन कराने से घर में सुख, शांति एवं संपनता आती है। कन्या भोज के दौरान नौ कन्याओं का होना आवश्यक होता है।

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जयपुर

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Savita Vyas

Oct 10, 2024

जयपुर। नवरात्र में मां दुर्गा के मंदिर में दर्शनों को लेकर भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। जयपुर स्थित आमेर शिला माता मंदिर में सप्तमी पर आज विशेष पूजा होगी। नवरात्र में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। अष्टमी व नवमी को घर-घर में कन्या पूजन होता है। मान्यता है कि इस दिन कन्याओं को भोजन कराने से घर में सुख, शांति एवं संपनता आती है। कन्या भोज के दौरान नौ कन्याओं का होना आवश्यक होता है। हालांकि इस बार अष्टमी और नवमी को लेकर बहुत कन्फ्यूजन है। पंचांग की मानें तो शारदीय नवरात्र की अष्टमी तिथि की शुरुआत 10 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 31 मिनट पर होगी और इसका समापन 11 अक्टूबर को सुबह 12 बजकर 05 मिनट पर होगा। इसके तुरंत बाद ही नवमी तिथि की शुरुआत हो जाएगी, लेकिन उदयातिथि की वजह से अष्टमी और नवमी का व्रत 11 तारीख को रखा जाएगा। ऐसे में इस बार 11 तारीख को ही शारदीय नवरात्रि की अष्टमी और नवमी पड़ेगी। इसके अगले दिन 12 नवंबर 2024 को विजया दशमी मनाई जाएगी।