माइंस पेट्रोलियम उद्योग और एमएसएमई की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने प्रदेश में निजी और रियल एस्टेट सेक्टर सहित निर्माण सेक्टर में एम सेंड के उपयोग को बढ़ावा देने की बात कही। शनिवार को हुई बैठक में उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खान एवं पेट्रोलियम विभाग की गतिविधियों की समीक्षा करी।
वीनू गुप्ता ने बताया कि राज्य में बजरी के सस्ते और सुगम विकल्प के रुप में एम सेंड के उपयोग को और अधिक बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही एम सेंड की नई इकाइयां लगाने के लिए निवेशकों को प्रोतसाहित भी करा जाएगा। उन्होंने बताया कि एम-सेंड नीति राज्य सरकार की ओर से जारी की गई थी। जिसमें सरकारी निर्माण कर्यों में बजरी के विकल्प के रुप में 25 प्रतिशत एम सेंड का उपयोग अनिवार्य किया गया है। प्रदेश में 36 एम सेंड इकाइयों ने करीब सवा करोड़ टन एम सेंड का वार्षिक उत्पादन किया है।
माइंस के निदेशक संदेश नायक ने बताया कि राज्य में उपलब्ध 82 खनिजों में से 57 खनिजों का दोहन किया जा रहा है। खान व पेट्रोलियम सेक्टर की ओर से पिछले वित्तीय वर्ष में लगभग 12 हजार करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया है। साथ ही सर्वाधिक 8 मेजर मिनरल ब्लॉक और 573 हैक्टेयर क्षेत्रफल के 367 माइनर मिनरल ब्लॉकों की सफल नीलामी भी की गई है।
नायक ने बताया कि विभाग की ओर से चालू वित्तीय वर्ष में मेजर और माइनर मिनरल ब्लॉक तैयार कर नीलामी का एक्शन प्लान बनाया गया है। जिसमें अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। विभागीय मोनेटरिंग व्यवस्था को भी चाक चोबंद किया गया है।