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ग्राम साथिन के लिए आवेदन से पूर्व घर में शौचालय निर्माण करवा रही महिलाएं

—तीन माह पहले विभाग ने 20 ग्राम पंचायतों के लिए मांगे थे आवेदन

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ग्राम साथिन के लिए आवेदन से पूर्व घर में शौचालय निर्माण करवा रही महिलाएं
—तीन माह पहले विभाग ने 20 ग्राम पंचायतों के लिए मांगे थे आवेदन
—घर में शौचालय होने की रखी थी शर्त
—विभाग ने बताया इसे स्वच्छता अभियान की दिशा में अनूठा कदम
जयपुर
केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत यूं तो हमने कई जगहों पर साफ—सफाई रखने और घर में शौचालय बनवाने जैसी मुहिम को तो देखा और सुना है। लेकिन राज्य में महिला अधिकारिता विभाग ने पिछले साल दिसंबर में ग्राम पंचायत स्तर पर रिक्त चल रहे ग्राम साथिनों के पद भरने के लिए एक अनूठी शर्त रखी थी। जिसके घर में शौचालय हो वो ही महिला ग्राम साथिन के पद के लिए आवेदन करें। जिनके घर शौचालय नहीं थे वे अब शौचालय बनवाने में जुटी है। खुद विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गांव—ढाणियों में 10वीं पास महिलाओं ने ग्राम साथिन के लिए आवेदन करने से पहले अपने घर आंगन में शौचालय बनवाने को प्रमुखता दी है।
दरअसल, बड़ी संख्या में प्रदेश की ग्राम पंचायतों में ‘ग्राम साथिनों’ के पद रिक्त चल रहे है। इन्हें भरे जाने के लिए पिछले कई समय से मांग उठती रही है। विभाग ने इन पदों को भरने के लिए शौचालय होने की बात रखी थी। जिसे अब गंभीरता से लिया जा रहा है। और महिलाएं इन रिक्त पदों पर आवेदन करने से पहले शौचालय निर्माण को अधिक महत्व दे रही है। स्वच्छता अभियान की दिशा में ये एक बड़ा संदेश हैं।
उल्लेखनीय है कि 1—के.पाटन रेबारपुरा, बोरदा काछियान, करवाला की झोपड़िया, बड़ाखेड़ा, बाबई 2—तालेड़ा खड़ीपुरा, सूतड़ा, गणेशपुरा, खटकड़, बुधपुरा, जावटीकलां 3—हिण्डौली तलाबगांव, सथूर, डाबेटा 4—नैनवां बाछोला, मरा, गुढ़ादेवजी, समीधी, फुलेता, कैथुदा में पिछले दिनों रिक्त पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे। अब विभाग बाकी ग्राम पंचायतों की सूची तैयार कर रहा है। जहां पर इन पदों को भरा जाना है।

ग्राम साथिन के लिए ये है शर्ते—
विभाग की मानें तो ग्राम साथिन के पदों को भरने के लिए संबंधित महिला की उम्र 21 से 35 साल और यदि वह तलाकशुदा और विधवा है तो 21 से 45 साल तक होना अनिवार्य है। इसके अलावा उसका 10 वीं पास होना अनिवार्य है। लेकिन ग्राम साथिन का काम घर—घर जाकर जागरुकता फैलाने का काम है ऐसे में वो गर्भवती महिलाओं को शौचालय का इस्तेमाल करने की भी सलाह देगी। लेकिन उसके घर में शौचालय नहीं होगा तो वह उसके महत्व को कैसे समझाएगी। इस वजह से इस नई शर्त को शामिल किया गया है।

ये है ‘ग्राम साथिन’—
आंगनबाड़ी केंद्र पर जहां आंगनबाड़ी वर्कर की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। उसी के साथ प्रत्येक ग्राम पंचायत में साथिन का पद मायने रखता है। साथिन गांव की महिलाओं की समस्याएं दूर करने में एक दोस्त, परामर्शदात्री और एक पथ प्रदर्शक के रुप में होती है। ये महिलाओं और बालिकाओं को सामाजिक विषयों के अलावा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर जागरुक करती है।