तीन दिवसीय शिविर का मुख्य उद्देश्य नए कलाकारों को मंच प्रदान करना है। इसमें जयपुर, उदयपुर, सीकर, टोंक, हनुमानगढ़, पाली सहित अन्य जिलों से कलाकार शामिल हुए। शिविर में बनी सभी पेंटिंगस की प्रदर्शनी अकादमी की कला दीर्घा में आयोजित की गई।
कार्यक्रम का हिस्सा बनी मुख्य अतिथी संस्कृत अकादमी की अध्यक्ष डॉ सरोज कोचर ने कहां कि तीन दिवसीय शिविर ने नए कलाकारों को एक बड़ा मंच प्रदान किया है। प्रतियोगियों की दबी हुई प्रतिभा को उजागर किया गया है। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा है। साथ ही प्रबंधन की आशा है कि कला के माध्यम से कलाकार रोजगार से जूड़े । इसलिए उन्होनें चित्रकला से चिकित्सा को प्रोत्साहन देने की बात कही।
युवा कलाकारों ने बताया कि यहां हमें अपनी कला कौशल को दिखाने के लिए एक मंच मिला । अकादमी की ओर से तीन दिन तक रहने खाने की सभी सुविधा उपलब्ध करवाई गई । ऐसे जिलों से कलाकारों को शामिल किया गया जिनको यहां आकर काम करना एक सपने जैसा लगता था। इस कला शिविर की वजह से कलाकारों ने पेंटिंग के जरिए अपने भावों को प्रदर्शित किया साथ ही यह कलाकृतियां प्रदर्शनी की शान बनी।