झालरापाटन द्वारकाधीश मंदिर की रविवार को आयोजित 59 वी परिक्रमा में तेज सर्दी और कोहरा छाया रहने के बावजूद श्रद्धालु परिक्रमा के दौरान नाचते गाते पूरे जोश और भक्ति भाव के साथ झूमते हुए श्रद्धालुओं ने चार घंटे में परिक्रमा पूरी की। द्वारकाधीश पुष्टि भक्ति सत्संग समिति के तत्वाधान में द्वारकाधीश मंदिर की परिक्रमा मंगला दर्शन के बाद सुबह 7:30 बजे बैंड बाजों, भजन मंडलियों, डी.जे पर भजन करते उत्साही श्रद्धालुओं, रथ में विराजमान भगवान द्वारकाधीश के चित्र के साथ शुरू हुई। जिसमें हजारों महिलाएं, पुरुष और बच्चे भजनों पर नाचते गाते दूध की धार के साथ चल रहे थे। सुबह से ही आसमान में कोहरा छाया रहने और सर्दी के तीखे तेवर रहने के बावजूद जप, तप व धर्म की प्रभावना के चलते इस बार परिक्रमा ऐतिहासिक नजर आई।
भजनों पर झूमे लोग
परिक्रमा के दौरान श्रद्धालु भगवान द्वारकाधीश का जयकारा लगाते श्री कृष्ण शरणम मम जाप, भजन मंडलियो के द्वारकाधीश मुकुट विराजे जैसे कृष्ण भजनों पर थिरकते, नाचते गाते चल रहे थे। उम्र की कोई परवाह नहीं। परिक्रमा में 10 वर्ष के बालक से लेकर 80 वर्ष तक के बुजुर्गों ने भाग लिया जिन्होंने बिना किसी थकान के पूरे जोश खरोश के साथ साढ़े तीन कोसीय परिक्रमा 4 घंटे में पूरी की।
इन मार्गों पर होकर निकली परिक्रमा
द्वारकाधीश मंदिर से पीपली बाजार, नगर पालिका तिराहा, गिनदौर दरवाजा, नेमीनगर लालबाग होती हुई परिक्रमा दादाबाड़ी पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने चतुर्भुज के महादेव की परिक्रमा की और यहां से सूरजपोल दरवाजा, सेठों का चौराहा, पुरानी सब्जी मंडी होते हुए सूर्य मंदिर पहुंची जहां श्रद्धालुओं ने भगवान पदम नाभ के दर्शन कर मंदिर की परिक्रमा लगाई यहां से बड़ली का चबूतरा होते हुए इमली दरवाजा, उमेदपुरा, रलायता, कृषि उपज मंडी मार्ग, भवानी मंडी चौराहा होते हुए सुबह 11:30 बजे द्वारकाधीश प्रांगण पहुंची। जहां रथ में विराजमान भगवान द्वारकाधीश के चित्र की महा आरती की गई।
बाजार में दूध की रही मांग
द्वारकाधीश की परिक्रमा में दूध की धार के लिए बाजार में दूध की खासी मांग रही। जिससे सुबह से ही दूध बेचने वालो व डेयरी वालों के यहां ग्राहकों की भीड़ रही।
दूर-दूर से आए श्रद्धालु
द्वारकाधीश मंदिर की परिक्रमा में भाग लेने के लिए झालावाड़ जिले के गांव और कस्बों के अलावा कोटा, बूंदी, बारां जिले के अनेक स्थानों और पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के नीमच, राजगढ़, ब्यावरा, उज्जैन, शाजापुर, गुना जिले तक से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आए।
21 वर्षों से चल रही परिक्रमा
प्रवक्ता रविराज पाटीदार ने बताया कि द्वारकाधीश मंदिर की परिक्रमा वर्ष 2002 से कुछ लोगों की संख्या के साथ शुरू हुई थी। वर्ष में तीन बार जनवरी में मकर संक्रांति पर्व, मार्च में होली पर फाग उत्सव और नवंबर में अन्नकूट पर यह आयोजित की जाती है। परिक्रमा को लेकर लोगों में लगातार उत्साह बढ़ता जा रहा है जिससे इसकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने बताया कि आज तेज सर्दी होने के बावजूद श्रद्धालुओं के उत्साह में कोई कमी नजर नहीं आई और सुबह से ही जोश के साथ श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। पाटीदार ने बताया कि परिक्रमा में आने वाले पुष्टि जनों के लिए समिति की ओर से कूपन के माध्यम से भोजन के पैकेट की व्यवस्था की गई है।
परिक्रमा ने बढ़ाई बाजार की रौनक
परिक्रमा में आए श्रद्धालुओं के खरीदारी करने से नगर के सभी बाजारो और चंद्रभागा कार्तिक मेले में दिन भर खासी भीड़ रही, जिससे दुकानदारों का कारोबार अच्छा चला।
मंदिरों के दर्शन किए
द्वारकाधीश की परिक्रमा करने आए श्रद्धालुओं ने सूर्य मंदिर, बड़ा मंदिर बालाजी, संकट मोचन हनुमान, पशुपतिनाथ मंदिर, भूतेश्वर महादेव मंदिर, शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, श्रीमन नारायण मंदिर, चैतन्य बालाजी, त्रिवेणी बालाजी, नागेश्वर महादेव मंदिर, आनंद धाम मंदिर सहित अन्य मंदिरों के भी दर्शन किए।