26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

झालावाड़

Human angle : बेटा 10 महीने से कौमा में, पिता सदमे में चल बसे

पत्नी भी बच्चों को लेकर पीहर चली गई, मां की हालत खराब

Google source verification

रीछवा (झालावाड़). इंसान की जिंदगी में हालात कभी भी बदल सकते हैं। इसका उदाहरण देखना हो तो चले आइए वार्ड 6 में रहने वाले परिवार के पास। हंसते-खेलते परिवार पर एक साथ दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। हुआ यूं कि पिछले वर्ष 28 अक्टूबर 2022 की रात बोरिंग मशीन पर काम करने वाला रीछवा निवासी युवक आलम खान (32) पुत्र फकीर मोहम्मद रटलाई थानाक्षेत्र के गांव बोरखेड़ी में खाळ की पुलिया के नीचे लहूलुहान मिला था। रातभर पुलिया के नीचे पड़े रहने से उसके सिर में खून का थक्का जम गया। इस पर परिजन 29 अक्टूबर की सुबह झालावाड़ एसआरजी अस्पताल लेकर गए। हालत गंभीर होने पर उसे कोटा रैफर कर दिया। जहां चिकित्सकों ने कौमा में बताते हुआ बड़ा ऑपेरशन कर दिया। इसके बाद कोटा एवं झालावाड़ के चिकित्सालयों में आलम को कौमा से बाहर लाने के लिए उसके सिर के 5 बड़े ऑपेरशन किए, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ। पत्नी बच्चे लेकर चली गई करीब दस महीने तक अस्पताल व घर में मृत्यु शैय्या पर लैटे इकलौते पुत्र आलम की माता-पिता दिनरात सेवा करते रहे। इस दौरान आलम की पत्नी अफरोजा तीन बेटे असद खान, आरिश व कासिम को लेकर भवानीमंडी पीहर चली गई। जो लौटकर नहीं आई। कौमा में पड़े बेटे आलम व तीन पौतों की जुदाई का सदमा झेलते हुए पिता फकीर मोहम्मद जैसे-तैसे बकरियां चराकर परिवार का पालन पौषण कर घर खर्च चलाने लगा। उसने जिंदगी की सारी कमाई बेटे के इलाज में खर्च कर दी।

घर में कोई नहीं कमाने वाला गत

रविवार 20 अगस्त को जब फकीर मोहम्मद जौहर की नमाज अदा कर घर लौट रहा था तो रास्ते में चक्कर आने के बाद गिर गया। परिजन बेहोशी की हालत में झालावाड़ एसआरजी अस्पताल लेकर गए। जहां चिकित्सकों ने जांच के बाद हार्ट अटैक से मृत घोषित कर दिया। फकीर मोहम्मद की अचानक मौत से पत्नी अल्हम्दो बी (52) के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। घर में कमाने वाला कोई नहीं बचा। आलम का गत िदवस को झालावाड़ के निजी अस्पताल में ऑपेरशन हुआ है। पिता की मौत का गम झेलते हुए आलम की दो बहनें उसे संभाल रही हैं।