जोधपुर।
रातानाडा में भाटी चौराहे के पास पुलिस हिरासत में बंदी सुरेशसिंह की गोलियां मारकर हत्या करने की साजिश पाली के मणिहारी गांव के हिस्ट्रीशीटर जब्बरसिंह और उसके पुत्र प्रवीणसिंह व भरतसिंह ने रची थी। पुत्र प्रवीणसिंह भी हिस्ट्रीशीटर है।हिस्ट्रीशीटर जब्बरसिंह पर 78 एफआइआर दर्ज है। जो संभवत: संभाग में किसी एक व्यक्ति पर सबसे अधिक है। इनमें सिर्फ आठ मामलों में ही सजा सुनाई गई है।
पुलिस के अनुसार पाली जिले में मणिहारी गांव निवासी जब्बरसिंह 52 पुत्र जयसिंह के खिलाफ पाली के विभिन्न थानों में 76 और बाड़मेर के सिवाना व आबकारी थाने में एक-एक मामले दर्ज हैं। 68 मामलों में कोर्ट से फैसला हो चुका है। इनमें से 55 मामलों में जब्बरसिंह को बरी या दोष मुक्त कर चुकी है। जबकि 8 मामलों में सजा सुनाई गई है। एक मामले में समझौता होने पर एफआर लगा दी गई थी। वहीं, तीन मामलों में एफआर लगाई गई थी। एक मामले में परिवीक्षा पर छोड़ा गया है। नौ मामले में अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है। एक मामला पुलिस में लम्बित चल रहा है।
हिस्ट्रीशीटर पुत्र न्यायिक अभिरक्षा में
18 दिसम्बर 2021 को रातानाडा में भाटी चौराहे पर पुलिस हिरासत में बंदी सुरेशसिंह की हत्या कर दी गई थी। जब्बरसिंह व उसके पुत्र प्रवीणसिंह व भरतसिंह ने हत्या की साजिश रची थी। शूटर अजयपालसिंह उर्फ एपी व हिमांशु मीणा ने गोलियां मारकर हत्या की थी। इस मामले में जब्बरसिंह, उसका पुत्र प्रवीणसिंह, विक्रमसिंह और जगदीश देवासी को गिरफ्तार किए गए हैं। जब्बरसिंह जमानत पर है। पुत्र प्रवीणसिंह न्यायिक अभिरक्षा में है। दूसरे पुत्र भरत, पैरोल से फरार शूटर अजयपाल व हिमांशु को पनाह देने के आरोप में जब्बरसिंह रिमाण्ड पर है।