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Extortion Murder : अवैध वसूली जमा न कराने पर बंदी की हत्या का आरोप

- जोधपुर सेन्ट्रल जेल- पौने दो माह पहले हुई थी बंदी की संदिग्ध हालात में मौत, जेल अधिकारियों पर एफआइआर दर्ज

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जोधपुर।
केन्द्रीय कारागार (Jodhpur central jail) जोधपुर में पौने दो माह पहले एक बंदी की संदिग्ध हालात में मौत (prisoner died in suspicious circumstances) के मामले में अवैध वसूली के रुपए जमा न कराने पर हत्या (Extortion and Murder in Jodhpur central jail) करने का आरोप लगाया गया है। रातानाडा थाने (Police station Ratanada) में जेल अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है।
पुलिस के अनुसार पीपाड़ शहर में रेलवे स्टेशन के पास निवासी छोटू पुत्र गणपतराम माली ने कोर्ट में पेश इस्तगासे के आधार पर जेल अधीक्षक, जेल गजेन्द्रसिंह, अचलाराम भाटी, पवन चौधरी व अन्य कांस्टेबल व गार्ड के खिलाफ अवैध वसूली व हत्या का मामला दर्ज कराया है। आरोप है कि छोटू का भाई बिरमाराम जोधपुर सेन्ट्रल जेल में बंद था। दो दिसम्बर को जेल की एसटीडी से बिरमाराम ने छोटू को कॉल कर जेलर व अन्य कांस्टेबल के रुपए मांगने का दबाव डालने की जानकारी दी थी। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकियां देने के बारे में अवगत कराया था। बंदी ने खाते में 5 हजार रुपए जमा कराने को कहा था, लेकिन भाई ने पांच सौ रुपए ही खाते में जमा कराए थे। तीन दिसम्बर को जेल में बिरमाराम की तबीयत खराब हो गई थी। उसे महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसे मृत घोषित किया गया था।
अस्पताल ले जाने के दौरान जेलर ने बिरमाराम के भाई को फोन कर तबीयत खराब होने की जानकारी दी थी। परिजन अस्पताल के लिए रवाना हुए थे, लेकिन रास्ते में ही पीपाड़ थाना पुलिस ने बिरमाराम की मौत होने की सूचना दे दी थी।
शरीर पर चोट और गले में फंदे का निशान
मृतक के भाई का आरोप है कि अस्पताल में भाई का शव देखा तो कई जगह चोटों के निशान नजर आए थे। गले में भी फंदे का निशान था। अस्पताल लाने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। परिजन ने थाने में हत्या का मामला दर्ज कराना चाहा, लेकिन न्यायिक जांच का हवाला देकर मामला दर्ज नहीं किया गया था।
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‘बंदी की मौत के संबंध में परिजन ने परिवाद दिया था। उनके आरोप गलत हैं। ऐसा नहीं होता है।’
राजपालसिंह, जेल अधीक्षक जोधपुर।