जोधपुर . ज़ोधपुर के मणेई आश्रम में नाबालिग से यौन दुराचार के आरोप में आरोपी आसाराम सहित तीन आरोपियों को जोधपुर जेल में लगी कोर्ट में अनुसूचित जाति-जनजाति न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा द्वारा दोषी करार देने के बाद उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में पीडि़ता और उसके परिवार की सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो गया है। कोर्ट से आसाराम को सजा सुनाने के बाद शाहजहांपुर में पीडि़ता के घर को सील कर दिया गया है। न किसी को बाहर आने दिया जा रहा है और न ही किसी को अंदर जाने दिया जा रहा है।
जोधपुर जेल में बंद आसाराम
ध्यान रहे कि आसाराम पिछले साढ़े चार साल से राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं। उस पर नाबालिग के यौन शोषण का आरोप है। रिपोर्ट दर्ज कराने वाली पीडि़ता उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की है। पहले से ही एेसा माना जा रहा था कि अगर फैसला आसाराम के खिलाफ आया तो पीडिृता के परिवार पर हमला हो सकता है। इस आशंका के मद्देनजर
शाहजहांपुर स्थित पीडि़ता का घर सील कर दिया गया है। अब वहां न किसी को बाहर आने दिया जा रहा है और न ही किसी को अंदर जाने दिया जा रहा है।
सुरक्षा एेसी कि मीडिया पर भी प्रतिबंध
हालांकि शाहजहांपुर के जिलाधिकारी अमृत त्रिपाठी का कहना है कि पीडि़ता के परिवार की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है और न ही कोई इनपुट मिला है, लेकिन जिस तरह की तैयारियां की गई है, उससे किसी अनहोनी की आशंका बलवती हो गई है। इसी कारण शाहजहांपुर का जिला प्रशासन इस परिवार की सुरक्षा में किसी तरह की कोई चूक नहीं करना चाहता है। कड़ी सुरक्षा का आलम यह है कि मीडिया पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। फैसले आ चुका है और आगे का कदम उठाने का इंतजार किया जा रहा है।
मिलती रही हैं धमकियां
मुखबिरों के अनुसार आसाराम के खिलाफ दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज करवाने वाली पीडि़ता और उसके घर पर हमला हो सकता है। आसाराम के समर्थक आए दिन धमकी देते रहते हैं। इसके बाद भी पीडि़ता अपनी बात पर अडिग है और इसी का परिणाम है कि आसाराम जेल में है और उसे सजा हुई है।