जोधपुर. चैत्र माह मंगलवार से शुरू हो गया, जो 23 अप्रेल तक रहेगा। इस महीने के तीज-त्योहार बेहद खास होते हैं, क्योंकि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष से ही हिंदू नववर्ष शुरू होता है। किला रोड महादेव अमरनाथ मंदिर के पं कमलेशकुमार दवे ने बताया कि हिंदू कैलेंडर का पहला महीना चैत्र शुरू हो गया है, 9 अप्रेल को हिंदू नववर्ष शुरू होगा। इन 15 दिनों की गिनती नए साल में नहीं होती, क्योंकि इन दिनों चंद्रमा अंधेरे की ओर यानी अमावस्या की तरफ बढ़ता है। इन 15 दिनों में चंद्रमा लगातार घटता है और अंधेरा बढ़ता है, लेकिन सनातन धर्म तमसो मां ज्योतिर्गमय यानी अंधेरे से उजाले की तरफ जाने की बात करता है, इसलिए चैत्र महीने की अमावस्या के अगले दिन पहली तिथि को जब चंद्रमा बढ़ने लगता है तभी नववर्ष मनाते हैं।
27 मार्च- होली भाई दूज
28 मार्च – भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी
30 मार्च – रंगपंचमी
01 अप्रेल – शीतला सप्तमी
02 अप्रेल – शीतला अष्टमी
05 अप्रेल- पापमोचनी एकादशी
06 अप्रेल – शनि प्रदोष व्रत
07 अप्रेल – मासिक शिवरात्रि
08 अप्रेल- चैत्र अमावस्या, सोमवती अमावस्या, सूर्य ग्रहण
09 अप्रेल – चैत्र नवरात्रि, घटस्थापना, गुड़ी पड़वा, झूलेलाल जयंती
10 अप्रेल – चेटीचंड
11 अप्रेल – गणगौर, मत्स्य जयंती
12 अप्रेल- विनायक चतुर्थी
13 अप्रेल – मेष संक्रांति
14 अप्रेल – यमुना छठ
16 अप्रेल- महातारा जयंती
17 अप्रेल- चैत्र नवरात्रि पारणा, रामनवमी, स्वामी नारायण जयंती
19 अप्रेल – कामदा एकादशी
21 अप्रेल – महावीर स्वामी जयंती
भगवान विष्णु ने पहला अवतार चैत्र माह में ही लिया
पौराणिक मान्यता अनुसार ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना शुरू की थी। पं सत्यनारायण दवे राजवेदिया ने बताया कि इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में से पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में जल में से मनु की नौका को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया था। प्रलयकाल खत्म होने पर मनु से ही नई सृष्टि की शुरुआत हुई।
दो तरह से होती है महीनों की गिनती
विक्रम संवत में दो तरह से महीनों की गिनती होती है। महाराष्ट्र, गुजरात और दक्षिण भारत में अमावस्या खत्म होने के बाद नए महीने की शुरुआत होती है। वहीं, उत्तर भारत सहित ज्यादातर जगहों पर पूर्णिमा के अगले दिन से नया महीना शुरू होता है। इसी कारण होली के अगले दिन नया महीना तो लग जाता है लेकिन हिंदू नववर्ष महीने के 15 दिन बीतने के बाद शुरू होता है।