जोधपुर. राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं के तहत खोले गए राजकीय महात्मा गांधी स्कूलों के हालात भी बिगडऩे लगे हैं। शाला संबलन कार्यक्रम के तहत सिटी सीबीइओ इंसाफ खां जई ने गुरुवार को राजकीय महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल चैनपुरा का अवलोकन किया तो अनियमितताएं मिली। यहां 40 के स्टॉफ सदस्यों में से केवल 13 के हस्ताक्षर मिले, एक के कॉलम में केवल लाइन खींची हुई दिखी, कहीं पर भी अवकाश का विवरण नजर नहीं आया। 26 कार्मिकों के कॉलम रिक्त पाए गए।
विभाग की रिपोर्ट अनुसार कॉलम में प्रिंसिपल डॉ. नलीनी राजोत्या व कृषि विज्ञान प्राध्यापक सोनू के हस्ताक्षर पहले से ही दर्ज थे। लेकिन सुबह 10 बजकर 10 मिनट तक दोनों ही मौजूद नहीं थे। प्रिंसिपल 10 बजकर 35 मिनट पर स्कूल पहुंचीं। आदेश पंजिका में अंतिम आदेश क्र.सं 45 में 31 जनवरी के अंकित थे।
सुबह मुख्यद्वार पर प्रवेश करने पर कुछ विद्यार्थी शाला गणवेश में घूम रहे थे। संस्था प्रधान कक्ष में ताला जड़ा हुआ था। उपस्थिति पंजिका अन्य कक्ष में मिली, जहां स्टाफ सदस्य हस्ताक्षर कर रहे थे। कक्षा-कक्ष में कोई शिक्षक नहीं था, कुछेक विद्यार्थी अकेले बैठे थे।
ये मिली कर्मचारी नाम अनुसार स्थिति
प्रिंसिपल डॉ. राजोत्या साढ़े बजे उपस्थित, प्राध्यापक नरेंद्र कुमार सवा दस बजे उपस्थित, प्राध्यापक प्रेमलता पारीक, अंजना दवे, संपत टॉक, अनिल साहू, ललित गहलोत, मोतीसिंह राठौड़, वरिष्ठ अध्यापक नरपतलाल, शीतल खाखा, सुनील कुमार बलवदा, गजेंद्र कुमार मोसलपुरी, अध्यापक लेवल-2 सुरजी परिहार, सहा.प्र. अधि गजेंद्र कुमार व्यास, वरिष्ठ सहायक अनिल कुमार, क.स सिद्धार्थ शर्मा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विजयसिंह खींची संपूर्ण निरीक्षण तक अनुपस्थित, शैतानसिंह 10:18 पर उपस्थित, ज्योतिबाला 10:12 पर उपस्थित, उषा सोगत 10:15 उपस्थित, नगेंद्र बाला विलंब से उपस्थित, सोनू की 11 बजे तक भी उपस्थिति नहीं, वशाशि नरेंद्रसिंह 9:50 उपस्थित, लेकिन हस्ताक्षर नहीं, रामनिवास गौड़ 10:24 पर उपस्थित, अध्यापक लेवल-1 प्रथम हेमंत कुमारी जांगिड़ विलंब से उपस्थित, लेवल-1 अध्यापक विशनसिंह 10:5 उपस्थित, शेराराम 10:17 उपस्थित, प्रयोगशाला सहायक हरिराम गोदार 10:20 उपस्थित, रेणुका 10:18 उपस्थित थे। शेष कर्मी पहुंचे हुए थे। कइयों की रजिस्टर में 1 व 2 फरवरी को लाइन खींची हुई मिली, अवकाश अंकित नहीं था।
प्रिंसिपल का कहना
कोई ज्यादा लेट नहीं है, 10 बजकर 10 मिनट तक सारा स्टाफ आ गया था। मैं खुद आ चुकी थी और राउंड ले रही थी। जब शिक्षाधिकारी आए, तब मैं पास के अमृतलाल स्टेडियम में राउंड लेने गई थी। सवा दस बजे तक सारी टीम आ जाती है। 11 बजते ही शिक्षक रीट के सर्टिफिकेट देना शुरू कर देते हैं।
– डॉ नलीनी राजोत्या, प्रिंसिपल