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जेएनवीयू में देश की सबसे सस्ती पीएचडी!

- देश के सभी विश्वविद्यालयों में पीएचडी व एमफिल में प्रवेश के लिए पीजी में चाहिए 55 प्रतिशत अंक- जेएनवीयू 48 प्रतिशत अंक वालों को भी दे रहा प्रवेश

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जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय संभवत: देश का एकमात्र ऐसा विवि है जो सबसे सस्ती पीएचडी (डॉक्टरेट इन फिलोसॉफी) करवाता है। स्नातकोत्तर (पीजी) में न्यूनतम 48 प्रतिशत हासिल करने वाला विद्यार्थी भी व्यास विवि की पीएचडी प्रवेश परीक्षा (एमपीईटी)में बैठ सकता है, जबकि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अधीन देश के अन्य विश्वविद्यालयों में पीएचडी की अर्हता स्नातकोत्तर में न्यूनतम 55 प्रतिशत के साथ उत्तीर्ण आवश्यक है। प्रदेश के ही राजस्थान विश्वविद्यालय (जयपुर), महर्षि दयानंदन सरस्वति विवि (अजमेर), मोहनलाल सुखाडि़या विवि (उदयपुर) और महाराजा गंगासिंह विवि (बीकानेर) भी 55 प्रतिशत से कम अंक वाले को पीएचडी में प्रवेश नहीं देतेी

 

जेएनवीयू की ओर से दो साल बाद पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसकी अंतिम तिथि 30 मार्च है। यह परीक्षा 18 अप्रेल को होगी। परीक्षा में शामिल होने की न्यूनतम योग्यता द्वितीय श्रेणी (48 से 59 प्रतिशत) से पीजी पास रखी गई है। विवि यह योग्यता रखकर शोध छात्रों को धोखा दे रहा है क्योंकि जेएनवीयू सहित देश के किसी भी विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर (सहायक आचार्य) के लिए न्यूनतम योग्यता 55 प्रतिशत के साथ पीजी है। इस हिसाब से जेएनवीयू से पीएचडी करने वाले एेसे शोध छात्र जिनके पीजी में 55 फीसदी से कम अंक थे वे अपने नाम के आगे डॉक्टर तो लगा सकेंगे, लेकिन किसी विवि या कॉलेज में कभी शिक्षक नहीं बन पाएंगे।

प्रदेश के अन्य विवि में 55 प्रतिशत योग्यता

– बीकानेर स्थित महाराजा गंगासिंह विवि ने 29 दिसम्बर 2018 को एमपीसीईटी परीक्षा ली। न्यूनतम योग्यता 55 प्रतिशत के साथ पीजी रखी गई।
– जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय मई में पीएचडी प्रवेश परीक्षा यानी एमपीएटी का आयोजन करेगा। इसमें भी योग्यता पीजी 55 प्रतिशत है।

– उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाडि़या विवि ने 10 मार्च को शोध पात्रता परीक्षा (आरईटी-२०१९) का आयोजन किया। इसमें भी न्यूनतम पात्रता 55 प्रतिशत के साथ पीजी थी।
– अजमेर स्थित महर्षि दयानंद विवि ने आरईटी-2018 का पिछले साल नोटिफिकेशन निकाला था। इसमें न्यूनतम योग्यता 55 प्रतिशत के साथ पीजी है।

विवि अध्यादेश के अनुसार ही विज्ञप्ति जारी की

‘हमने विवि के पीएचडी अध्यादेश के अनुसार ही विज्ञप्ति जारी की है। यह सही है कि विवि में ४८ प्रतिशत वाला भी पीएचडी कर सकता है।
प्रो. सुनील परिहार, एमपीईटी परीक्षा समन्वयक, जेएनवीयू जोधपुर