जोधपुर। शहर के साथ-साथ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की स्कूलों को क्रमोन्नत करने के बावजूद वहां बेटियों के लिए सुविधाएं नहीं बढ़ी है। ऐसे में कई स्कूल भवन जर्जर हाल में होने से हादसे को निमंत्रण भी दे रहे है। आऊ कस्बे में संचालित होने वाले राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं की संख्या 425 से अधिक होने के बाजवूद यहां शौचालय का अभाव है।
स्कूल में बने शौचालय का काफी पुराने होने से समय के साथ-साथ पूरी तरह से जर्जरहाल में हो गए है। जिससे स्कूल में पढ़ने वाली बालिकाओं को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं छात्राओं के पढ़ने के लिए बने कक्षा कक्ष भी जर्जरहाल में होने के कारण हादसे का संदेशा बना रहता है। स्कूल में नए शौचालय व कक्षा कक्ष को लेकर छात्राओं के अभिभावकों व ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों से इनके निर्माण की मांग भी की। लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। पिछले एक दशक में विद्यालय का कागजी स्तर पर राप्रावि से उमावि में क्रमोन्नत करने का का सफर तय किया गया। लेकिन इसमें भौतिक संसाधन नहीं बढ़ाए जाने से विद्यार्थियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नये सत्र से बढेगा नामांकन
राबाउमावि में सत्र 2023-24 में छात्राओं के नामांकन में बढोत्तरी होनी है। ये स्कूल पिछले सत्र से ही बालिका मावि से उमावि में क्रमोन्नत हुआ था। ऐसे में नये सत्र से छात्राओं की संख्या में बढोत्तरी होने पर पहले से ही भौतिक संसाधनों का अभाव झेलने वाली बालिकाओं को नामांकन बढने पर अधिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
बहुत दिक्कत हो रही है
गांव में संचालित बालिका स्कूल उपखण्ड स्तरीय होने से आस-पास के गांवों से बालिकाएं यहां पढ़ने आती है। जिससे जर्जर भवन व शौचालय की वजह से परेशानी झेलनी पड़ती है।
रामुराम चौधरी, आऊ
इनका कहना है –
पंचायत की ओर से बालिका स्कूल में शौचालय की कमी को देखते हुए वहां नये शौचालयों का निर्माण कार्य शीघ्र करवा दिया जाएगा। जिससे जर्जरहाल में बने शौचालयों से राहत मिल सके।
दिनेश कुमार मेघवाल, सरपंच आऊ