हिण्डौनसिटी. अनियमित दिनचर्या और खानपान के साथ भागदौड़ की जिंदगी में युवा पीढ़ी डायबिटीज की गिरफ्त में आ रही है। शहर से लेकर गांवों में खुली आवोहवा में रहने वाले लोग भी इसी चपेट में आ रहे हैं। आज के दौर में आनुवंशिकता की बजाय तनाव व्यक्ति में डायबिटीज होने की वजह बन रहा है। जिला चिकित्सालय की ओपीडी में आने वाले रोगियों में से हर सातवा रोगी डायबिटीज के उपचार परामर्श को आ रहा है।
चिकित्सालय की एनसीडी यूनिट में हर माह डायबिटीज के सौ से सवा सौ नए रोगी स्क्रीनिंग में सामने आ रहे हैं। एनसीडी क्लीनिक में जनवरी माह में 13 नवम्बर 3290 नए रोगी जांच के लिए फिजीशियिन चिकित्सकों के परामर्श पर आए थे। इनमें से 982 को डायबिटीज होने की पुष्टि हुई है। ये नए रोगी हैं, जबकि पूर्व में डायबिटीज ग्रसित कई हजार रोगी नियमित उपचार ले रहे हैं। यह आंकड़ा केवल जिला चिकित्सालय की एनसीडी क्लीनिक का है। जबकि चिकित्सालय की प्रयोगशाला और निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों जांच करवा उपचार लेने वालों की संख्या कम नहीं है। है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि करियर की चिंता, तनाव और बदलती जीवनशैली के कारण यह बीमारी तेजी से फैल रही है।
तनाव और खानपान से बढ़ रहा खतरा
फिजिशियन डॉ अंकुश अग्रवाल के अनुसार डायबिटीज शरीर के हर अंग को प्रभावित करती है। यह बीमारी एक बार होने पर जीवनभर साथ रहती है। नियमित खानपान और दिनचर्या से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। किसी बात को लेकर लगातार तनाव, रातभर मोबाइल पर जागना और शारीरिक श्रम में कमी इसके प्रमुख कारण हैं।
ये हैं मुख्य लक्षण
फिजीशियन डॉ आशीष कुमार शर्मा ने बताया कि बार-बार पेशाब लगना, घाव का जल्दी न भरना, शरीर में दर्द या कमजोरी रहना, गला सूखना, आंखों की रोशनी कमजोर होना, वजन का अचानक बढऩा या घटना, और लगातार थकान महसूस होना इसके मुख्य लक्षण हैं। इन लक्षणों के प्रतीत होने पर चिकित्सकीय परामर्श अनिवार्य है।
महिलाएं अधिक ग्रस्त
डायबिटीज से पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक पीडि़त हैं। एनसीडी क्लीनिक के आंकड़ों के अनुसार नवम्बर माह में 13 दिन में पुरुष 38 व 42 महिला डायबिटीज से पीडि़त मिली हैं। जबकि अक्टूबर माह में 96 पुरुष व 112 महिला तथा सिम्बर माह में 123 पुरुष व 147 महिलाओं में डायबिटीज की स्क्रीनिंग की गई।
इनका कहना है
असंयमित खानपान और जीवनशैली से डायबिटीज रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। एनसीडी क्लीनिक में स्क्रीनिंग में मिलने वाले नए रोगियों के डायबिटीज के नियंत्रित करने का परामर्श दिया जाता है। साथ ही उन्हें इसके कारणों से बचने के प्रति जागरुक भी कर रहे हैं।
डॉ. अवधेश सोलंकी, प्रभारी
एनसीडी क्लीनिक, जिला चिकित्सालय, हिण्डौनसिटी