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अब खुले में नहीं भीगेगी किसानों की जिंस, कृषि मंडी में 94.35 लाख की लागत से बनेगा टीनशेड डोम

हिण्डौनसिटी. गांव कैलाश नगर स्थित जिले की ए श्रेणी की कृषि उपज मंडी में बेचान को लाई किसानों की जिंसों को सुरक्षित रखने के लिए टीन शेड के बड़े डोम का निर्माण होगा। मंडी मेंं बी-ब्लॉक के नीलामी प्लेटफार्म पर 94.35 लाख रुपए की लागत से 1110 वर्ग मीटर क्षेत्र में डोम का निर्माण किया जाएगा। यदि कार्य की गति ठीक रही तो आगामी मानसून सीजन से पहले डोम बनने पर किसानों और व्यापारियों को बारिश में जिंस भीगने से नुकसान झेलना नहीं पड़ेगा।

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हिण्डौनसिटी. गांव कैलाश नगर स्थित जिले की ए श्रेणी की कृषि उपज मंडी में बेचान को लाई किसानों की जिंसों को सुरक्षित रखने के लिए टीन शेड के बड़े डोम का निर्माण होगा। मंडी मेंं बी-ब्लॉक के नीलामी प्लेटफार्म पर 94.35 लाख रुपए की लागत से 1110 वर्ग मीटर क्षेत्र में डोम का निर्माण किया जाएगा। यदि कार्य की गति ठीक रही तो आगामी मानसून सीजन से पहले डोम बनने पर किसानों और व्यापारियों को बारिश में जिंस भीगने से नुकसान झेलना नहीं पड़ेगा।
दरअसल जिले की अ-श्रेणी कृषि उपज मंडी में तीन ब्लॉकों में 110 व्यापारिक प्रतिष्ठान संचालित हैं। कृषि मंडी मेेंं पहले से ही ए और सी ब्लॉक में आरसीसी शेल्टर मौजूद हैं, लेकिन बी-ब्लॉक में ढंकाव नहीं होने से किसानों को लंबे समय से परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अब तीनों ब्लॉकों में शेल्टर उपलब्ध होने से मंडी की सुविधाएं और मजबूत होंगी। गत दिवस मंडी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कृषि उपज मंडी व्यापार मंडल अध्यक्ष महेश चंद टोडूपुरा और महामंत्री सौरभ बंसल ने भूमि पूजन कर निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। इस अवसर पर मंडी समिति के सुपरवाइजर पुष्पेंद्र कुमार शर्मा, मंडी कार्मिक और बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।

3 हजार किसानों को मिलेगा लाभ
बी-ब्लॉक में बनने वाला यह बड़ा टीन शेड डोम लगभग 30 व्यापारिक प्रतिष्ठानों को सीधा लाभ देगा। किसान अपनी उपज के कट्टों को बारिश, धूप और आंधी से सुरक्षित रख सकेंगे। व्यापारियों के अनुसार एक प्रतिष्ठान पर करीब 100 किसान सम्बद्ध रहते हैं। यानी डोम बनने से मंडी में 3 हजार किसानों की जिंस को मौसम से सुरक्षा मिल सकेगी। वर्तमान में डोम के अभाव में किसानों को तिरपालों का सहारा लेना पड़ता है, जिससे उपज के भीगने और खराब होने का खतरा बना रहता है।

खुले में रहे जिंस के कट्टे
व्यापारी संतोष बंडी भोला ने बताया कि रबी और खरीफ दोनों सीजन में मंडी में जिंसों की बंपर आवक रहती है। ढंकाव नहीं होने से किसानों की उपज और व्यापारियों द्वारा खरीदी गई जिंस खुले में पड़ी रहती है। मौसम बदलने पर नुकसान की आशंका हमेशा बनी रहती है। उन्होंने कहा कि डोम बनने से मंडी के सभी प्लेटफॉर्म ढंकावयुक्त हो जाएंगे, जिससे किसानों और व्यापारियों दोनों को बड़ी राहत मिलेगी।

बचेगा खर्च और भागदौड़
गांव ढिंढोरा निवासी किसान विष्णु डागुर व भरत सिंह डागुर ने बताया कि मंडी के बी ब्लाक में इस सुविधा लंबे समय से आवश्यक थी। बारिश के दौरान कट्टों को बचाने के लिए तिरपाल ढंकने में समय और श्रम दोनों लगते थे। कई बार अचानक मौसम बिगडऩे पर उपज खराब होने का खतरा बढ़ जाता था। नए डोम के निर्माण से यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।
इनका कहना है
डोम के लिए भूमि पूजन हो चुका है। निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। जिसे निर्धारित समय सीमा में पूरा कराने का प्रयास रहेगा। डोम तैयार होने के बाद मंडी में आने वाले किसानों की जिंसों की तीनों ब्लाकों में सुरक्षित व्यवस्था उपलब्ध होगी।
महेंद्र शर्मा, सचिव
कृषि उपज मंडी, हिण्डौनसिटी