हिण्डौनसिटी. मोहन नगर आर्य समाज भवन में 25 दिन से चल रहे चतुर्वेद पारायण यज्ञ का गत दिवस समापन हुआ। इस यज्ञ में चारों वेदों के लगभग बाइस हजार पांच सौ मंत्रों की आहुतियां दी गईं। वैदिक कन्या गुरुकुल की ब्रह्मचारिणियों ने यज्ञ विधान सम्पन्न कराया। यज्ञ की पूर्णाहूति पर आर्य समाज के लोगों ने वैदिक विधा को आगे बढ़ाने के संकल्प पर शहर में महिला वैदिक आवासीय गुरुकुल शुरू करने की घोषणा की। जिसे आगामी शिक्षा सत्र से शुरू किया जाएगा। पूर्णाहूति समारोह में यज्ञ ब्रह्मा आचार्य हरीशचंद्र शास्त्री ने कहा कि प्राचीन वैदिक विधाओं का दैनिक जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, ङ्क्षकतु आधुनिक जीवन की भागदौड़ और अविद्या के कारण युवा पीढ़ी इनसे दूर होते जा रही है। उन्होंने वर्तमान में पुन: वैदिक शिक्षा को अपनाने पर बल दिया। जो आर्यावर्त की पुरा संस्कृति को संवारने के लिए आवश्यक है। आर्य समाज के रामबाबू आर्य, रमेश चंद आदि पदाधिकारियों ने शहर में महिला वैदिक गुरुकुल स्थापित करने का संकल्प आचार्य के समक्ष रखा। इस पर उन्होंने अगले शैक्षणिक सत्र से वैदिक आवासीय बालिका गुरुकुल की स्थापना की बात कही। इसमें आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ वैदिक परंपराएं, यज्ञ विद्या, पंचकर्म चिकित्सा और प्राकृतिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह संस्थान इस क्षेत्र का पहला ऐसा केंद्र होगा जो वैदिक धर्म के प्रचार-प्रसार के साथ उसकी शिक्षा भी प्रदान करेगा। इसमें बालिकाओं को सिलाई और संगीत का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
45 यजमानों ने दी 24 हजार आहूतियां : आर्य समाज के रमेश खानाका व ओमप्रकाश गुप्ता ने बताया कि 42 वां चतुर्वेद पारायण यज्ञ 4 से 28 दिसम्बर तक प्रतिदिन सुबह और सायं वेला के दो सत्रों में सम्पन्न हुआ। पच्चीस दिनों में अलग-अलग पैंतालीस यजमान दम्पतियों ने यज्ञ में भाग लिया। वैदिक गुरुकुल पीठ की विदुषियों ने चारों वेदों के मंत्रों पर आहुतियां दीं।
कुल मिलाकर बाइस हजार पांच सौ मंत्रों की आहुतियां और अतिरिक्त दो हजार आहुतियां सुबह-शाम के सत्रों में दी गईं। यज्ञ की पूर्णाहुति पर आचार्य हरीशचंद्र शास्त्री ने अथर्ववेद की पुस्तक मोहन नगर आर्य समाज के प्रधान और वरिष्ठ जनों को सुपुर्द की।
इनका कहना है
आवासीय वैदिक गुरुकुल के लिए शहर आर्य समाज भवन को चिह्नित किया है। इसका संचालन समूचे आर्य समाज के सहयोग से होगा। इसमें बेटियों को स्कूली शिक्षा के साथ वैदिक शिक्षा दी जाएगी। शुरुआत कक्षा 6 से 8 तक 60 छात्रा क्षमता से करेंगे।
रोहित आर्य, आर्य समाज शहर, हिण्डौन