हिण्डौनसिटी. वर्तमान में संदेशों और विचारों के आदान प्रदान को सबसे तेज और विश्वव्यापी माध्यम सोशल मीडिया है। जिसका लोगों को खास तौर पर किशोर और युवा पीढ़ी में खासा क्रेज है, जो दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन जरा संभल के। फॉलोअर्स और फ्रेन्ड्स बढ़ाने के चक्कर में कहीं आप साइबर क्राइम के शिकार न हो जाए। सोशल मीडिया जितना सहज है, उस पर उतना सतर्कता बरतने की जरुरत है। शुक्रवार को यह बात राजस्थान पत्रिका के अपराधों के विरुद्ध पत्रिका के अभियान के तहत जागरुकता सेमिनार में संचार निगम के अधिकारियों व बैंकर्स ने कही। साइबर अपराधियों की शातिरगिरी के बारे में जानकर छात्र-छात्राएं चौक गए।
महवा रोड पर गांव क्यारदा कला स्थित सर्वोदय उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई सेमिनार में भारत संचार निगम के उप मंडल अभियंता संजय मीणा ने कहा कि कोविड़ काल में ऑनलाइन शिक्षण से कमोबेश हर विद्यार्थी सेलफोन उपयोगकर्ता बन गया है। ऐसे में किशोर आयु के स्कूली व कॉलेज के युवा विद्यार्थी सोशल मीडिया पर भी खूब सक्रिय हैं। उन्होंंने कहा कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया से डेटा चुरा कर फ्रेन्ड रिवेस्ट या कोई प्रलोभन देने वाली लिंक भेजते हैं। जिसके झांसे में आकर व्यक्ति उनके जाल में फंस जाता है। और साइबर आपराध का शिकार होजाता है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी सोशल मीडिया पर सक्रियता का दायरा सीमित रखें। अनजान व्यक्ति की ओर से आई फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से बचें। साथ ही विदेश के सोशल मीडिया ग्रुपों से जुडऩे से पहले जानकारी करें। इस दौरान भारतीय स्टेट बैंक के सेवानिवृत चीफ एसोसिएट शिवभगवान मित्तल ने कहा कि रुपए का लेने देन अब डिजीटल हो गया है। ऐसे में अत्यंत सावधानी की जरुरत है। मोबाइल नम्बर बैंक खाते और आधार कार्ड से लिंक होता है, ऐसे में मैसेज में भेजी गई अनजानी लिंक को क्लिक नहीं करना चाहिए। जरा सी असावधानी से बैंक खाता साफ हो सकता है। एयू बैंक के पब्लिक रिलेशन मैनेजर दिलीप गर्ग व उप शाखा प्रबंधक विवेक गर्ग ने बताया कि साइबर अपराधी मनी म्यूल यानी दूसरे के बैंक खातों से अवैधानिक लेन देने करते हैं। वहीं कुछ रजामंदी से खाताधारक से प्रलोभन दे कर खाता को रेंट पर ले लेते हैं। इससे वित्तीय धोखाधड़ी, पहचान की चोरी या घोटालों से जुड़े धन को स्थानांतरित करने पर खाताधारक का ही दोषी ठहरया जाता है। सेमिनार में शिक्षाविद डॉ सुनील अग्रवाल, विनोद सोलंकी व प्रधानाचार्य हेमेंद्र बेनीवाल ने भी विद्यार्थियों को साइबर क्राइम से बचने के लिए जागरुक किया। वक्ताओंं ने राजस्थान पत्रिका के अपराध के खिलाफ अभियान की सराहना की।