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संविधान के अधिकारों से सशक्त हुए लोग, अब कर्तव्य पालना से देश को करें मजबूत

हिण्डौनसिटी. संविधान दिवस पर बुधवार को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकार के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से संगोष्ठी हुई।

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हिण्डौनसिटी. संविधान दिवस पर बुधवार को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राजस्थान पत्रिका के सामाजिक सरोकार के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना के सहयोग से संगोष्ठी हुई। संगोष्ठी में वक्ताओं ने संविधान से मिले अधिकारों से हुए सामाजिक और लोकतांत्रिक उत्थान के बारे में बताया। साथ ही आमजन से संवैधानिक कर्तव्यों की पालना पर जोर दिया। साथ ही विद्यार्थियों को इसके मूल्यों को आत्मसात करने का आह्वान किया।
महाविद्यालय के डिजीटल स्टेडी हॉल में आयोजित संगोष्ठी का प्राचार्य डॉ. पप्पूराम कोली ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के चित्रपट पर माल्यार्पण कर किया। डॉ. कोली ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान है, जो प्रत्येक नागरिक को गरिमापूर्ण जीवन का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि समाज के वंचित वर्गों और महिलाओं के विकास एवं सम्मान की चुनौतियों को दूर करने के लिए हमें संविधान का ईमानदारी से पालन करना चाहिए। राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य डॉ. रीतेश जैन ने कहा कि भारत का संविधान युवा पीढ़ी के लिए गर्व का विषय है। इसमें स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुत्व जैसे मूल्यों को समाज का आधार बनाया गया है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे इन मूल्यों को अपने जीवन में उतारें और लोकतंत्र को मजबूत करें। एनएसएस की कार्यक्रम अधिकारी शालिनी गुप्ता ने कहा कि संविधान में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कई प्रावधान किए। इन्हीं की बदौलत आज नारी हर कार्य क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधा मिला कर चल रही है। खासतौर पर छात्राओं को इन प्रावधानों की जानकारी होनी चाहिए ताकि समाज में समानता और सम्मान की भावना को आगे बढ़ा सकें। समाजशास्त्र विभाग के सहायक आचार्य डॉ. महेश कुमार गर्ग ने कहा कि संविधान लागू होने के बाद से देश में सामाजिक प्रोत्साहन और उत्थान को गति मिली है। उन्होंने कहा कि संविधान ने समाज को नई दिशा दी है और यह लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। संगोष्ठी में संकाय सदस्य डॉ. डॉ. सुरेश मीना, श्रीनिवास गुर्जर, राजकुमारी, गुंजन गोयल, यशस्वनी मीणा, उपमा मीणा, डॉ दिनेश मीणा, सुमित विरेटिया, डॉ. आशा राठौर आदि मौजूद रहे। संविधान के पालना की शपथ व राष्ट्रगान के साथ संगोष्ठी का समापन हुआ।
कविताओं में गाया संविधान का मान: संगोष्ठी में विद्यार्थियों ने भी विचार व्यक्त किए। कविता पाठ कर संविधान की विशेषताओं को बताया। उदय ङ्क्षसह, विष्णु डागुर, मुस्कान सोनी और प्रदीप कुमार ने संगोष्ठी में संविधान को लेकर उद्वोधन दिया। इसके बाद 16 विद्यार्थियों ने अंबेडकर पीठ जयपुर द्वारा आयोजित निबंध प्रतियोगिता में भाग लिया।