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खंडवा

संत सिंगाजी महाराज के 463वें समाधि दिवस पर उमड़ा जनसैलाब, देखें वीडियो

महाआरती में मांधाता विधायक सहित 10,000 से ज्यादा श्रद्धालु हुए शामिल950 लीटर घी से निर्मित हलवा प्रसादी का हुआ वितरणनिमाड़ के निगुर्णी संत समाधि स्थल को फूलों से सजाया, एक लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किया दर्शनकच्ची केरी चढ़ा मांगी मन्नत, समाधि स्थल से जल लेकर निकले किसान, फसलों को मिलेगा नया जीवन

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खंडवा . निमाड़ के निर्गुणी संत सिंगाजी महाराज के 463वें समाधि दिवस पर सोमवार को मंदिर ट्रस्ट की तरफ से संत सिंगाजी मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया, जिसकी सुंदरता देखते ही बन रही थी। यहां पर सुबह अभिषेक, आरती के साथ दिन की शुरुआत हुई। सुबह 11 बजे भोग आरती हुई। समाधि दिवस पर जल रही अखंड ज्योत के दर्शन करने के लिए एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। बैतूल, होशंगाबाद, बड़वानी, झाबुआ, धार, मनावर सहित जिले से और प्रदेश से श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। मुंदी थाना और बीड़ चौकी प्रभारी मजहर खान, नायब तहसीलदार कुणाल आवाशिया के साथ होमगार्ड का बल मौजूद रहा। मांधाता विधायक नारायण पटेल भी संत सिंगाजी समाधि दिवस पर समाधि स्थल पहुंचे और संत के चरणों में शीश नवाकर कहा कि वह आज जो भी हैं संत सिंगाजी महाराज की कृपा से हैं। सिंगाजी धाम का विकास करने में कोई कमी नहीं छोडूंगा। मेरी हर सांस पर संत सिंगाजी का नाम है उनके नाम और पूजन के बिना मैं कोई काम नहीं करता। शाम 4 बजे संत सिंगाजी की समाधि लेने के समय महाआरती मंदिर महंत रतनलाल महाराज ने की। इस दौरान जन प्रतिनिधि भी मौजूद रहे जिसके बाद शाम को 164 दीपों पर दीपों को प्रज्वलित कर शाम की आरती की गई।

सिंगाजी परिवार के सदस्यों का किया गया सम्मान
संत सिंगाजी महाराज के 463वें समाधि दिवस पर सुबह की आरती के बाद मंदिर परिसर में हलवा प्रसादी का वितरण किया गया, जो देर शाम तक चलता रहा। जानकारी के अनुसार यह हलवा 950 लीटर घी का बना हुआ था, जिसमें 700 किलो शक्कर, 8 बोरा गेहूं के आटे से तैयार किया गया। हलवा प्रसादी लेने के लिए दिनभर भीड़ लगी रही। समाधि दिवस पर सिंगाजी भक्तों ने 5 बैरल घी चढ़ाया और साथ ही 10,000 से ज्यादा नारियल भी चढ़ाए गए।

कच्ची केरी से होती मन्नत पूरी
संत सिंगाजी महाराज को सिंगाजी भक्त अपने खेत से 12 महीने यहां कच्ची केरी लेकर आते हैं और उसका प्रसाद चढ़ाते हैं और यह कच्ची केरी संत सिंगाजी के चरण पादुका के ऊपर रखी जाती है। सबसे बड़ी बात यह है कि सभी सीजन में यहां केरी चढ़ाई जाती है । जानकारी के अनुसार इस कच्ची केरी का जो प्रसाद है वह महंत गादी से नि:संतान महिलाओं को दिया जाता है, जिससे उनको संतान सुख की प्राप्ति हो सके।

समाधि स्थल से निकला पानी फसलों को देता है नया जीवन
साल में एक बार संत सिंगाजी महाराज के समाधि दिवस पर जो संवत सुदी नवमी को आता है। यहां पर किसान पात्र लेकर आते हैं और संत सिंगाजी महाराज में पास बने बैक वाटर से अपने आराध्य का नाम लेकर ले जाते हैं और अपनी फसलों पर छिडक़ाव करते हैं। मान्यता है कि इस जल के छिडक़ाव के बाद फसलों को रोग नहीं लगता है।

अरुण यादव भी पहुंचे
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ निशान लेकर पहुंचे और निशान चढ़ाए। वहीं पुरनी परिवार के निशान लेकर पंकज राज सिंह पहुंचे पुरनी परिवार के द्वारा लगातार 7 वर्षों से यहां पर समाधि दिवस पर निशान चढ़ाए जा रहे हैं।