खंडवा . ओंकारेश्व में इन दिनों श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ उमड़ रही है। पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र गुजरात, राजस्थान और दिल्ली सहित कई प्रदेशों से श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंच रहे है। सावन माह के रविवार और सोमवार को मंदिर में श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब देखने को मिला।
इन दो दिनों में करीब एक लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र नर्मदा में डुबकी लगाकर ओंकारश्वर-ममलेश्वर भगवान के दर्शन किए। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं, लेकिन भीड़ के आगे प्रशासन की व्यवस्था धराशायी होती नजर आई। मंदिर प्रशासन ने सुबह चार बजे ही मंदिर के पट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया था। दोपहर तक श्रद्धालुओं की कतारें करीब एक किलोमीटर लंबी हो चुकी थीं। खतरनाक जोखिम भरे मार्ग पर घंटों कतार में खड़े होकर श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते रहे।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा से नहीं सरोकार
प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुरक्षा से कोई सारोकार नहीं है। झूला पुल से उपर की ओर स्थित प्राचीन दीवार जिसका एक हिस्सा पिछली बरसात में धराशायी हो चुका हैं एवं बाकी बचा हिस्सा कभी भी भरभराकर गिरने की स्थिति में है। यह स्थिति प्रशासन के संज्ञान में होने के बाद भी हजारों श्रद्धालुओं को उसी मार्ग से होते हुए दर्शनों के लिए भेजा जा रहा है, जबकि करोड़ों की लागत से बने जिकजेक बिल्डिंग को मुख्यमंत्री से रिबन कटने के इंतजार में सुरक्षित खाली पड़ा हुआ है।
ओंकारेश्वर और ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग की पालकी को अभिषेक के पश्चात आधे घंटे नौका में भ्रमण कराया गया। भोले शंभू भोलेनाथ के जयघोष से पूरा नर्मदा तट गुंजायमान हो उठा। श्रद्धालु भक्त नए झूला और पुराने झूला पुल और नर्मदा तटों पर खड़े होकर भगवान की सवारी का दर्शन लाभ लेकर भोले शंभू भोलेनाथ के जयकारे लगाकर अपने को कृतार्थ महसूस कर आनंद विभोर हो रहे थे।