जिला अस्पताल में बोर्ड ने 21 दिव्यांगोंकाे जारी किया प्रमाण पत्र, आपत्ति पर सीएमएचओ से शिकायत
आपत्ति में डॉक्टर बोले, 40 % वालों को रेलवे में कंसेशन मान्य नहीं
जिला अस्पताल में मंगलवार को मेडिकल बोर्ड के समक्ष 21 दिव्यांगों के आवेदन पहुंचे। बोर्ड ने परीक्षण कर प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। इस दौरान रेलवे कंसेशन फार्म को सत्यापित कराने वाले पांच से अधिक दिव्यांगों पर बोर्ड ने यह कहते हुए आपत्ति लगा दी है कि 40 % वाले रेलवे में मान्य नहीं है। मेडिकल बोर्ड के डॉक्टर ने समझाइश दी है कि 50 % से कम ऐसे दिव्यांग को रेलवे की ओर से सुविधा मिलेगी जो चलने फिरने में असमर्थ है। कंडीशन देखने के बाद सत्यापित किए जाएंगे। मेडिकल बोर्ड की आपत्ति के बाद पांच से अधिक दिव्यांगों को वापस लौटना पड़ा। मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों का कहना है कि रेलवे कंसेशन फार्म के दो आवेदन पात्रता श्रेणी में थे उन्हें प्रमाणित कर दिया गया हैै।
संगठनों ने सीएमएचओ से की शिकायत
दिव्यांग संगठन के पदाधिकारी सीएमएचओ डॉ ओपी जुगतावत को आवेदन देकर सुविधा दिलाने की मांग की है। दिव्यांग एकता एवं कल्याण मंच के प्रदेश अध्यक्ष आरजी सोनी और दिव्यांग गति शक्ति सेवा समिति के अध्यक्ष विजय बिल्लौरे ने सीएमएचओ से मिलकर कहा कि मेडिकल बोर्ड द्वारा रेल कंसेशन फार्म पर 40 % दिव्यांगता पर आपत्ति ली जा रही है। संगठन ने सीएमएचओ से कहा कि रेल कन्सेशन फार्म पर बोर्ड द्वारा हस्ताक्षर करने में आनाकानी की जाती है। पिछले पंद्रह दिन से फार्म को अमान्य कर दिया जाता हैञ जबकि 40 % वालों को यह सुविधा मिल रही है। सीएमएचओ ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में वह मेडिकल बोर्ड से चर्चा कर नियम के तहत प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
पांच साल तक होता है मान्य
-मेडिकल बोर्ड के द्वारा रेलवे कंसेशन फार्म को प्रमाणित किए जाने पर डीआरएम कार्यालय से पांच साल तक दिव्यांगों को रेलवे कंसेशन कार्ड जारी किया जाता है। संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार रेलवे 75 % कंसेशन देता है। रेलवे कंसेशन फार्म को मेडिकल बोर्ड प्रमाणित करता है। इसके बाद डीआरएम कार्यालय से कार्ड जारी होता है। कार्ड पांच साल तक के लिए वैध होता है।