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जनसुनवाई… अवैध शराब के कारण गांवों में बन रही विवाद की स्थिति

-दीवाल गांव से सैकड़ों महिलाएं पहुंची अवैध शराब की शिकायत लेकर -पंचायतों में भ्रष्टाचार को लेकर भ्ी आई कई शिकायतें

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खंडवा

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Manish Arora

Dec 24, 2025

साहब हमारे गांव सहित आसपास के गांवों में जमकर अवैध शराब बिक रही है। हमने संयुक्त समिति बनाकर इसे रोकने का प्रयास भी किया, लेकिन आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। अवैध शराब के कारण गांवों में विवाद की स्थिति बन रही है। बड़े, बुजुर्गों सहित युवा नशे की लत का शिकार हो रहे है। यही स्थिति रही तो आने वाली पीढ़ी पूरी तरह से बरबाद हो जाएगी।

यह बात मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंची ग्राम दिवाल की महिलाओं ने अवैध शराब की शिकायत करते हुए कही। संयुक्त समिति की अध्यक्ष ममता मोरे ने बताया कि गांवों में अवैध कच्ची शराब तो बनाकर बेच ही रहे है। साथ ही ठेकेदार के लोग डायरी पर दुकानों में शराब सप्लाय कर रहे है। इनकी शिकायत भी पंधाना थाने में की है। पुलिस सहायता तो करती है, लेकिन आबकारी विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता। महिलाओं ने बताया कि संयुक्त समिति के तहत हम पूरे जिले में अवैध शराब पर रोक लगाने की मांग करते है। यदि प्रशासन हमे अनुमति दे तो गांव-गांव जाकर इसका विरोध भी करेंगे।

शासकीय योजनाओं में हो रहा भ्रष्टाचार
हरसूद विस के ग्राम शाहपुरा माल से आए ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक द्वारा शासकीय योजनाओं में भ्रष्टाचार कर अपात्रों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। एक बगिया मां के नाम, डगवेल योजना में बिना काम हुए रुपए निकाल लिए गए। जहां डगवेल बनाना बताया गया, वहां डगवेल मौजूद ही नहीं है। एक बगिया मां के नाम पर मात्र 10-20 पौधे लगाकर राशि निकाल ली गई। ग्रामीण राजेश, सतीश, राजेश राधाकिशन, रामसिंह, ब्रजलाल आदि ने बताया कि इसके पूर्व जनपद हरसूद में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

एक बगिया मां के नाम पर हुआ भ्रष्टाचार
ग्राम पाडल्या से आई महिलाओं ने एक बगिया मां के नाम योजना में सरपंच, सचिव द्वारा भ्रष्टाचार करने की शिकायत की। ममताबाई ने बताया कि एक बगिया मां के नाम योजना में उन्हें 4500 रुपए और 10 हजार रुपए नकद दिए गए। पंचायत द्वारा पूरी राशि का आहरण कर लिया गया, लेकिन उन्हें भुगतान नहीं किया गया। अनिताबाई दिलीप ने बताया कि उन्हें भी मात्र 10 हजार रुपए दिए गए और 90 हजार रुपए सचिव निकालकर खा गया। इसी तरह अन्य महिलाओं ने भी भ्रष्टाचार की शिकायत की। अपर कलेक्टर केआर बड़ोले ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया।