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खंडवा

आइजी ने देख बटालियन की जमीन, बोले शहर से कितनी दूर है पता करने आए

प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी और सांप्रदायिक माहौल को लेकर संवेदनशील जिले में एक बार फिर बटालियन की कवायद शुरू हो गई हैं। विधानसभा में बटालियन का मुद्दा उठने के बाद पुलिस हरकत में आया है। इंदौर रेंज के आइजी अनुराग ने पुलिस विभाग को मिली जमीन का जायजा लिया है। उन्होंने जमीन का नक्शा देखने के साथ ही वहां से गुजर रहे हाइवे और पानी की सुलभता पर भी चर्चा की।

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बुधवार सुबह करीब 9 बजे आइजी अनुराग, डीआइजी सिद्धार्थ बहुगुणा और एसपी मनोज कुमार राय के साथ सुरगांव नेपानी रोड पर पुलिस विभाग की जमीन देखने पहुंचे। पुलिसकर्मी अपने साथ जमीन का नक्शा लेकर आए थे। उसके आधार पर उन्होंने जमीन को अवलोकन किया। इस दौरान डीआइजी और एसपी दोनों ने ही उन्हें जमीन के संबंध में जानकारी दी। वे करीब आधे घंटे यहां रूके। इसके बाद यहां से आइजी अपने काफिले के साथ वापस खंडवा आए।

जिला संवेदनशील हैं, जमीन को अवलोकन किया

आइजी अनुराग ने कहा कि पुलिस विभाग को बहुत दिनों से एक जमीन आवंटित है। बुरहानपुर जाते समय इस जमीन को देखने आया हूं, कि कभी बटालियन के लिए यहां जरूरत पड़ती है, हालांकि अभी ऐसा कुछ फैसला नहीं हुआ है। अगर बटालियन की जरूरत पड़ती है तो अवलोकन के हिसाब से यहां आया था। सड़क और शहर से कितनी दूरी है। यह देखने आया था। संवेदनशील जिला है, फोर्स आवंटित करता है। बटालियन को लेकर पुलिस मुख्यालय व शासन स्तर पर ही निर्णय किया जाएगा। जमीन समतल मिलती है तो 50 से 60 एकड़ की जरूरत होती है। यहां 100 एकड़ जमीन है जो पर्याप्त है।

100 एकड़ जमीन, निकट से गुजरता हाइवे

पुलिस विभाग को करीब 100 एकड़ जमीन मिली है। इस जमीन के पास से देशगांव रूद्धी हाइवे गुजर रहा है। दूसरी तरफ सुरगांव नेपानी रोड है जो सीधे शहर से जुड़ा हआ है। शहर से कुछ ही दूर यह जमीन होने से यहां बटालियन के पर्याप्त जगह है। इसके साथ ही पानी भी भरपूर है। बटालियन के लिए पुरी तरह से अनुकूल वातावरण यहां मौजूद है।

विधायक ने विधानसभा में उठाया था मुद्दा

जिला मुख्यालय पर पुलिस बटालियन बनाए जाने का मुद्दा विधानसभा में भी गुंजा है। विधायक कंचन तनवे ने जिले को संवेदशनील बताते हुए सभी का ध्यान आकर्षित करवाया था। साथ ही बताया था कि जिले में बटालियन क्यों जरूरी है। केबिनेट मंत्री विजय शाह और कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस मुद्दे को उठाया था। जिसके बाद बटालियन को लेकर भोपाल स्तर पर भी चर्चा शुरू हो गई थी। आइजी के दौरे को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।