5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खंडवा

यहां गड्ढों की सडक़ पर सफर करते हैं लोग, देखें वीडियो

बीड़-मूंदी मार्ग के गड्ढों में भरा बारिश का पानी, आवागमन हुआ मुश्किल

Google source verification

खंडवा. लोक निर्माण विभाग ने छह किमी लंबे बीड़-मूंदी मार्ग का ठेका देकर चार साल पहले करीब पांच करोड़ की लागत से निर्माण कराया गया, लेकिन देखरेख के अभाव में सडक़ घटिया निर्माण की भेंट चढ़ गई, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। सडक़ बनने के दूसरे साल से ही गड्ढे होने का क्रम शुरू हो गया था। वहीं बीड़ में बनाया गया सीसी सडक़ भी डामर की परत नहीं चढऩे के कारण जर्जर हो गई है। मार्ग की सबसे दयनीय हालत बीड़ से लेकर मोहद तक है। प्रतिवर्ष यहां तक सडक़ गड्ढों में तब्दील होकर गायब हो जाती है। खबरों के प्रकाशन के बाद विभाग के जिम्मेदार आते हैं गड्ढे भरकर चले जाते हैं।

बारिश मेें इस साल भी यह सडक़ एक बार फिर बीड़ से लेकर मोहद तक गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। जिम्मेदार विभाग के अधिकारियों के इस ओर ध्यान नहीं देने के कारण ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। ग्रामीण नियाज खान, मनोज देवड़ा, किशन देवड़ा, अनार सिंह ने बताया कि मोहद गांव में यह मार्ग पूरी तरह से गड्ढों में बदल गया है। हमारी समस्या सुनने कोई तैयार नहीं है। सडक़ बनाते समय ही यदि विभाग के जिम्मेदारों ने ठेकेदार के कराए जाए काम की निगरानी की होती तो आज यह हालत नहीं होती। गड्ढे भर कर विभाग खानापूर्ति करता है और अगले साल फिर गड्ढे हो जाते हैं। हमारी जिम्मेदार विभाग से मांग है कि कम से कम इस मार्ग को पूर्णत: मरम्मत कराए, ताकि आवागमन सुगम हो सके।

इधर… बारिश में पुलिया क्षतिग्रस्त, पानी से होकर निकलने बेबस ग्रामीण
प्रदेश सरकार के द्वारा जगह-जगह सडक़ और पुलिया निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन दोहद से नर्मदा परिक्रमावासी जो बीड़ होते हुए संत सिंगाजी धाम पहुंचते हैं। इस मार्ग पर दोहद से बाहर निकलते ही एक पुलिया पड़ती है जो 15 वर्ष पहले बनाई गई थी, जो देखरेख और मरम्मत के अभाव में पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है और बरसात में यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाता है, जिसके कारण यहां से संत सिंगाजी धाम जाने वालों को बीड़ से दो किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। ग्राम के ग्रामीण सुंदर लाल पटेल, मुकेश मीणा, जयनारायण निकुम ने बताया कि बीड़ में मुक्तिधाम बना हुआ है और इसमें दोहद से भी ग्रामीण शवदाह के लिए पहुंचते हैं, लेकिन पुलिया में पानी ज्यादा होने के कारण समस्या का सामना करना पड़ता है। पिछले 10 वर्षों से जिम्मेदारों को समस्या बताते आ रहे हैं, लेकिन इसका समाधान नहीं हो सका है। सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को होती है। इस मार्ग का उपयोग संत सिंगाजी धाम पहुंचने के लिए भी यह छोटा मार्ग है। 15 वर्षों से इस पुलिया पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। हमारी शासन, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से और जिम्मेदार विभाग से यही मांग है कि पाइप डालकर कम से कम पानी की निकासी कर दें और जाने के लिए मार्ग बना दें। इस मार्ग से पैदल चलना तो दूभर होता ही है साथ ही जो किसानों ने वह खेती करने जाते हैं तो बैलगाड़ी निकालना भी मुश्किल हो जाता है। ग्रामीणों ने समस्या का निराकरण करने मांग की।