No video available
खरगोन. सतपुड़ा पर्वत की सुरम्य वादियों में बसे वन ग्राम सिरवेल का महादेव मंदिर वर्षों पुरानी प्राकृतिक धरोहर है। यहां वर्षाकाल में बहने वाला कुंदा नदी का 40 फीट ऊंचा प्राकृतिक झरना दर्शनार्थियों को बेहद आकर्षित करता है। वर्षा के जारी दौर यह प्राकृतिक झरना बहने लग गया है। इसी के साथ सिरवेल पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या में इजाफा होने लगा है।श्रावण माह के शुरू होने पर कावड़ियों के पहुंचने के क्रम पूरे माह बने रहते हैं। महाराष्ट्र से भी शिवभक्तों का आगमन होता है। सिरवेल मंदिर व झरना क्षेत्र तक पहुंचने के दुर्गम रास्ते हैं। लोहे की सीढ़ी से चढ़कर गुफा में जाना होता है। जहां शिवलिंग विद्यमान है। मनोरम झरने को देख सैलानी धार्मिक यात्रा पूरी करते हैं। स्थानीय मान्यता है कि दशानन ने अपने सिर यहां पर भगवान शिव को अर्पित किए थे। तभी से यह स्थान सिरवेल के नाम से प्रसिद्ध है। यहां महाशिवरात्रि पर भी तीन दिवसीय मेला लगता है।