मन वचन काय की सरलता का नाम ही आर्जव धर्म
मदनगंज-किशनगढ़.
मुनिसुव्रतनाथ दिगम्बर जैन पंचायत के अध्यक्ष विनोद पाटनी ने पर्यूषण पर्व के तीसरे दिन गुरुवार को आर्जव धर्म पर शास्त्र वाचन करते हुए कहा कि मन-वचन-काय की सरलता का नाम आर्जव धर्म है। साधना का आधार बिन्दु ही आर्जव धर्म है। आर्जव को नष्ट करने वाली माया कषाय है। माया कषाय दो तरह की होती है। बाहर कुछ और भीतर कुछ और होती है। राम-राम जपना, पराया माल अपना की कूटनीति है। मायाचारी, छल, कपट करना स्वयं को धोखा देना है। कपट अविश्वास को पैदा कर देता है। अध्यक्ष पाटनी ने कहा कि जिनेंद्र भगवान की बगुला भक्ति नहीं, वास्तविक भक्ति करो। जहां वक्रता है वहां धर्म नहीं। जहां सरलता सहजता है वहीं धर्म है। धर्म मेंं टेढ़ापन नहीं, सरलपन होता है। सरलता भगवान के द्वार में प्रवेश करने का साधन है। जैसे सांप अपने बिल में सीधा प्रवेश करता है, वैसे ही परमात्मा के द्वार में प्रवेश पाने के लिए सरल होना आवश्यक है। मायाचारी मुख में राम, बगल में छुरी वाली कहावत को चरितार्थ करता है। मायाचारी बगुले के समान बाहर से कुछ और अंदर से कुछ और होता है।
मायाचारी विश्वासघात करता है। मन, वचन, काय को छल प्रपंच से बचाना सीधा सच और अच्छा सोचना, बोलना और करना, न्याय नीति से धन अर्जन करना, कुटिलता से बचना और ईमानदारी से कर्तव्यों का पालन करना ही आर्जव धर्म है। अत: मायाचारी को छोडऩा ही हमारी उन्नति है।
भक्ति भाव से किया पूजनमदनगंज-किशनगढ़.
मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर जैन पंचायत के तत्वाधान में रुपनगढ़ रोड स्थित मुनिसुव्रतनाथ मंदिर में पयुर्षण पर्व के तृतीय दिन उत्तम आर्जव धर्म दिवस पर प्रात: श्रीजी के पंचामृत अभिषेक-शांतिधारा व पूजन किया गया। अभिषेक, शांतिधारा व सायंकालीन महाआरती करने अवसर राजकुमार, संजय कुमार, रवि कुमार बडज़ात्या परिवार जलेबी वालों को प्राप्त हुआ। श्रावक भक्तोंं ने पंच परमेष्ठी का पूजन, देव शास्त्र गुरु का पूजन, पंचमेरु का पूजन, नव देवता का पूजन, सोलह कारण का पूजन, दसलक्षण का पूजन, चौबीस भगवान का पूजन, पाŸवनाथ भगवान का पूजन एवं वासुपूज्य भगवान का पूजन किया गया। भक्तों ने सामायिक, प्रतिक्रमण, भक्तामर पाठ, आलोचना पाठ कर यथाशक्ति अनुसार व्रत एवं उपवास रखे। सायंकालीन मूलनायक मुनिसुव्रतनाथ भगवान, महावीर भगवान, पार्श्वनाथ भगवान, आचार्य वर्धमान सागर, पद्मावती माता एवं क्षेत्रपाल बाबा की वीर संगीत मंडल की सुर मधुर लहरियों पर नाचते गाते भक्ति भाव से संगीतमय आरती की गई। इसके बाद संध्याकालीन धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के तहत उत्तम आर्जव धर्म पर महावीर महिला मंड़ल ने जैन म्यूजिकल अंताक्षरी प्रतियोगिता की गई। इसमें 3-3 व्यक्तियों की 5 टीमें बनाई गई। 7 राउंड के जरिए एक विजेता टीम को चुना गया। कार्यक्रम में पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी, सुभाष बडज़ात्या, दिलीप कासलीवाल, चेतन प्रकाश पांड्या, कैलाश गंगवाल, सुमेर गोधा, जयकुमार दोसी, भागचंद बोहरा, महेंद्र पाटनी उरसेवा, पुष्पेंद्र बाकलीवाल एवं अन्य श्रद्धालु शामिल रहे।
धार्मिक फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आज
दस लक्षण पर्व के तहत 22 सितंबर को भारतवर्षीय दिगंबर जैन महिला महासभा की ओर से 6 से 12 वर्ष तक के बच्चों के लिए धार्मिक फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता होगी।