6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

किशनगढ़

Kishangarh – स्लरी निस्तारण में एनजीटी ने किशनगढ़ को माना आदर्श

देशभर में किशनगढ़ मॉडल लागू करने पर हो सकता है मंथनदिल्ली मुख्यालय से टीम आई, देखा डम्पिंग यार्ड और मार्बल व ग्रेनाइट ईकाइयां

Google source verification

मदनगंज-किशनगढ़. मार्बल एवं ग्रेनाइट के कारोबार के साथ स्लरी के निस्तारण को लेकर एनजीटी ने किशनगढ़ को देशभर के लिए एक मॉडल माना है और आगामी समय में किशनगढ़ के अनुरूप देशभर में व्यवस्था लागू करने की भी सलाह दी है।

आंध्रप्रदेश में भी मार्बल एवं ग्रेनाइट की ईकाइयां हैं और कारोबार किया जाता है। यहां पर स्लरी के निस्तारण पर असंतोष जताते हुए सरकार के खिलाफ केस चल रहा है। एनजीटी ने देशभर की मार्बल व ग्रेनाइट मंडिय़ों में स्लरी के निस्तारण की विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड नई दिल्ली से मांगी। इस पर प्रदूषण नियंत्रण केंद्र, किशनगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक तंवर ने भी किशनगढ़ मार्बल मंडी में मार्बल व ग्रेनाइट प्रोसेसिंग एवं स्लरी के निस्तारण की व्यवस्थाओं एवं डम्पिंग यार्ड की विस्तृत रिपोर्ट कंट्रोल बोर्ड नई दिल्ली के माध्यम से एनजीटी को भेजी। देशभर से मिली रिपोर्ट पर एनजीटी ने मार्बल स्लरी के निस्तारण की व्यवस्थाओं को लेकर किशनगढ़ को एक मॉडल के रूप में माना और इसे देशभर की मार्बल व ग्रेनाइट मंडिय़ों में भी लागू करने की सलाह दी। एनजीटी को भेजी रिपोर्ट की पुष्टि करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड नई दिल्ली की टीम किशनगढ़ पहुंची और यहां पर डम्पिंग यार्ड को देखा एवं इसकी वीडियो ग्राफी व फोटोग्राफी भी की। साथ ही मार्बल व ग्रेनाइट ईकाइयों को भी देखा एवं किशनगढ़ मार्बल एसोसिएशन अध्यक्ष सुधीर जैन से भी विस्तृत जानकारियां ली। इससे पूर्व क्षेत्रीय अधिकारी तंवर की रिपोर्ट पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड की वैज्ञानिक अनामिका शर्मा भी किशनगढ़ आकर डम्पिंग यार्ड एवं मार्बल व ग्रेनाइट ईकाईयों में प्रोसेसिंग सिस्टम को देख चुकी हैं ताकि स्लरी के निस्तारण को लेकर रिसर्च किया जा सके।