कोरबा. 25 दिसंबर की रात जहां शहर क्रिसमस की खुशियों में डूबा हुआ था, वहीं चार हाथियों का दल धीरे-धीरे शहर की ओर बढ़ रहा था। रात 9 बजे शहर में इन्होंने अपनी उपस्थिति दर्ज करवा दी थी। 9.30 बजे इनके आने की खबर सभी शहरवासियों को हो गई थी। इस खबर को सुनकर जो जहां था मानों जम सा गया था। सभी अपने व अपनों की खैर मना रहे थे। हालांकि हाथियों का दल उग्र नहीं हुआ था।
पुलिस व वन विभाग की टीम इनके पीछे लगी हुई थी। लोगों को भरोसा था कि रात में ही इन्हें शहर से बाहर खदेड़ दिया जाएगा, लेकिन सुबह जब हाथी मानिकपुर खदान इलाके से निकल कर घंटाघर के रिहायशी इलाके में पहुंच गए, इसके बाद दहशत और भय का दौर शुरू हो गया। हालांकि हाथी पूरे दिन हेलीपेड के पास रहे। इसके बाद शाम होते ही इस दल ने कालोनियों का रूख कर लिया। इसी बीच एक युवक इनके हमले का शिकार भी हुआ। रात करीब 10.30 बजे हाथी शहर से बाहर दादरखुर्द की ओर रवाना हुए।