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Crime: छोटी घटना नहीं है चेन स्नेचिंग, कानून बदले, कड़ी हो सजा

Chain Snatching: चेन स्नेचिंग, पर्स व मोबाइल लूट की घटना पुलिस की नजर में भले ही छोटा अपराध हो, लेकिन महिलाओं की नजर में यह कोई छोटी बात नहीं है। कई बार लुटेरों से संघर्ष के दौरान महिलाएं गिरकर चोटिल हो जाती हैं। इससे उन्हें शारीरिक व मानसिक कष्ट होता है।

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Chain Snatching: चेन स्नेचिंग, पर्स व मोबाइल लूट की घटना पुलिस की नजर में भले ही छोटा अपराध हो, लेकिन महिलाओं की नजर में यह कोई छोटी बात नहीं है। कई बार लुटेरों से संघर्ष के दौरान महिलाएं गिरकर चोटिल हो जाती हैं। इससे उन्हें शारीरिक व मानसिक कष्ट होता है। इन अपराधों को लेकर कानून में बदलाव की जरूरत है, कड़ी सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। यह कहना है प्रिया सेवा समिति की संस्थापक रजनी शक्तावत का। पत्रिका से बातचीत में संस्था की सदस्यों ने बताया कि पुलिस की सुस्ती के चलते कोचिंग नगरी में चेन स्नेचिंग, पर्स व मोबाइल लूट की वारदातें बढ़ रही हैं। इसके चलते महिलाएं अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रही हैं।

घात लगाते हैं चेन स्नेचर
बदमाशों के दुस्साहस के कारण महिलाएं जेवर पहनकर घर से बाहर निकलने में डरने लगी हैं। आलम यह है कि गली-मोहल्ले में महिलाओं का अकेले गुजरना मुश्किल हो गया है। सुनसान रास्तों पर घात लगाए चेन स्नेचर हर दिन किसी न किसी इलाके में वारदात को अंजाम दे रहे हैं। – चंद्रकंवर

बाइकर्स से परेशान
बाइकर्स से छात्राएं काफी परेशान हैं। बाइकर्स तेज गति से आते हैं, कट मारकर ऐसे निकलते हैं कि सावधानी नहीं बरतें तो दुर्घटना हो जाए। स्कूटी सवार छात्राएं हड़बड़ाहट में कई बार गिर जाती हैं। कोचिंग क्षेत्र, मुख्य सडक़ों पर तेज गति से दौड़ते ऐसे बाइकर्स के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं करती। – मूमल शक्तावत, कोचिंग छात्रा

पुलिस की कार्रवाई सिर्फ सीसीटीवी पर टिकी
शहर में रोजाना चेन स्नेचिंग, पर्स व मोबाइल लूट की घटनाएं हो रही हैं। कई मामले ऐसे भी हैं जिनमें पीडि़त पुलिस के पास नहीं पहुंचते। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस की कार्रवाई सिर्फ सीसीटीवी कैमरों पर टिकी हुई है। सीसीटीवी में घटनाक्रम कैद हो जाने के बाद भी पुलिस आरोपियों को नहीं पकड़ पाती। – सावित्री वर्मा

कई बार कोचिंग छूट जाती है
आए दिन हो रही घटनाओं के चलते परिजन अकेले कोचिंग नहीं जाने देते। किसी दिन किसी कारणवश परिजन कोचिंग छोडऩे नहीं जा पाते, उस दिन कोचिंग छूट जाती है। मंदिर या सुबह घूमने भी अकेले नहीं जाने देते। शहर में पुलिस ऐसा वातावरण तैयार करे कि महिलाएं खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें। – खुशी भाटी, कोचिंग छात्रा