कोटा. कोटा जिले के बोराबास गांव में गायों में लंपी वायरस का संक्रमण पहुंचने के बाद जिले समेत आसपास के जिलों के पशुपालकों का दिन का चैन व रातों की नींद उड़ गई हैं। राज्य के तकरीबन दो दर्जन जिलों में लंपी संक्रमण फैलने के बाद हाड़ौती क्षेत्र इससे पूरी तरह अछूता था, लेकिन बोराबास में तीन दर्जन गायों में इसका संक्रमण मिलने से जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग से लेकर पशु पालकों में चिंता है।
हाड़ौती के पशुपालकों में चिंता की लहर –
कोटा समेत हाड़ौती क्षेत्र कुछ दिनों पहले तक लंपी संक्रमण से सुरक्षित था, लेकिन बोराबास में लंपी रोग का संक्रमण आने के बाद अब कोटा समेत हाड़ौती व चित्तौड़ जिले के रावतभाटा क्षेत्र के पशुपालकों की नींद उड़ गई है। जंगल के आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले बड़े पशुपालकों की गायें खुले चरागाह क्षेत्र या जंगल में चरती है। ऐसे में इन गायों में एक-दूसरे से संक्रमण का खतरा सबसे अधिक बना हुआ है।
सभी गोशालाओं में सौ फीसदी वैक्सीनेशन –
पशुपालन विभाग के उप निदेशक चंपालाल मीणा ने बताया कि लंपी रोग के पहुंचने से पहले कोटा की सभी 25 गोशालाओं की सभी गायों को वैक्सीनेटेड कर दिया गया है। इसके अलावा छोटा गोशालाओं में भी वैक्सीनेशन किया जा रहा है। साथ ही बोराबास के पांच किलोमीटर से दूर क्षेत्र के गांवों व ढाणियों में गायों में वैक्सीनेशन पूरा कर लिया गया है।
गायों में लंपी संक्रमण फैल रहा है। गायें जंगल में चरने जाती है। ऐसे में इनमें संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ गई है। इसको लेकर पूरा परिवार चिंता में है। गायों को बाड़े में बांधकर खिला रहे है। इससे गायों पर होने वाला खर्च बढ़ गया है।
– भोजराज गुर्जर,
पशुपालक
बोराबास में लंपी वायरस को देखते हुए इसकी पांच किलोमीटर की परिधि के बाहर वैक्सीनेशन करवा दिया गया है। सभी गोशालाओं में भी वैक्सीनेशन का काम पूरा हो गया है। बोराबास में पशु चिकित्सकों की पूरी नजर है। किसी भी मवेशी के संक्रमित होने या उसमें ऐसे लक्षण पाए जाने पर उसे अन्य पशुओं से दूर बाड़े में रखा जा रहा है। कोटा में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
– चंपालाल मीणा,
उपनिदेशक, पशुपालन विभाग, कोटा।