नगर निगम व यूआईटी के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा अब आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। नाले में जमा गंदगी के ढेर व नाले के मौखे में पाइप नहीं डालने से पन्द्रह बीस मिनट की तेज बारिश में ही प्रेमनगर तृतीय व द्वितीय के बाजार व गलियां पानी से लबालब हो हो जाती है। रविवार दोपहर बाद हुई तोड़ी सी बरसात में वहीं डीसीएम से भामाशाहमंडी जाने वाले मार्ग पर रेलवे फ्लाईओवर के पास सडक़ पर भरे पानी मेें वाहन फंसने से जाम जाम लग गया।
नाला जाम, सडक़ पर बहता है 2 से 3 फीट पानी
प्रेमनगर तृतीय निवासी हेमराज महावर ने बताया कि भामाशाहमंडी जाने वाले मुख्य मार्ग पर रेलवे प्लाईओवर के पास सडक़ के नीचे पुराना नाला जाम होने थोड़ी बरसात में ही सडक़ पर पानी भरने लग जाता है। यूआईटी की ओर से नाले को दुबारा बनाने के लिए पिछले तीन माह से सडक़ पर सीमेंट के बड़े पाइप डाल रखे हैं। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते नाला अभी तक नहीं बना। यह समस्या पिछले कई वर्षों से चल रही है। तेज बारिश में मार्ग पर आवागमन बंद हो जाता है।
महापौर के आदेश के एक माह बाद भी कचरा नहीं उठा
प्रेमनगर तृतीय निवासी रवि जागा ने बताया कि अनन्तपुरा की तरफ से आ रहा नाला प्रेमनगर तृतीय व द्वितीय से होकर गुजरता है। इस नाले में एक ही जगह पर करीब 15 से 20 डम्पर कचरे का ढेर लगा होने से बारिश में नाले का पानी प्रेमनगर की हर गली व सडक़ों भर जाता है। पिछले माह महापौर मंजू मेहरा ने प्रेमनगर का दौरा कर नाले में जमा कचरे के हालात देखे तो उन्होंने निगम के अधिकारियों को तुरंत नाले से कचरा हटाने के निर्देश दिए थे। नाले की सफाई तो दूर की बात एक माह बाद भी कचरे को नहीं उठाया गया।
घरों में गुस जाता है पानी
प्रेमनगर निवासी सुनीता मीणा ने बताया कि नाले की सफाई व कचरा नहीं उठने से नाले का सारा पानी गलियों में तेज बहाव के साथ बहता है। पानी घरों में घुस जाता है। लोगों ने घरों के दरवाजों पर पानी से बचाव के लिए एक से दो फीट ऊंची दीवारे बना ली है। तेज बारिश में यहां हर साल बाढ़ के हालात हो जाते है। इस नाले में अनन्तपुरा, भामाशहमंडी की तरफ से पानी आता है। नाले में कचरा जमा होने व अतिक्रमण कर अवैध मकान बना लेने से यह स्थिति बनी है।