कोटा.हैरिटेज चंबल रिवर फ्रंट का निर्माण कार्य की गुणवत्ता उस समय सामने आ गई, जब लोकार्पण के महज सात दिन बाद ही कोटा बैराज से चंबल की डाउन स्ट्रीम में पानी छोड़ा गया। बैराज की निकासी क्षमता से करीब एक तिहाई पानी छोड़े जाने से ही रिवर फ्रंट के घाटों पर जहां तक पानी पहुंचा, अपने साथ जगह-जगह फर्श और सीढि़यों के पत्थर और रेलिंग का हिस्सा अपने साथ ले गया।
कोटा की चंबल नदी पर कोटा बैराज से लेकर नयापुरा पुलिया तक किरीब 1442 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया हैरिटेज चंबल रिवर फ्रंट के लोकार्पण 12 सितम्बर को हुआ। इसके ठीक एक सप्ताह बाद 19 सितम्बर को कोटा बैराज से डाउन स्ट्रीम में पानी छोड़ा गया। कोटा बैराज से अधिकतम 2.70 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। ऐसे में चंबल रिवर फ्रंट के 27 घाट आधी ऊंचाई तक डूब गए। इस पर जब पानी उतरा तो रिवर फ्रंट के फर्श के पत्थर और सीढि़यों के पत्थर समेत रेलिंग व दीवारों पर लगाई गए पत्थर भी नीचे आ गए। ऐसे में कोटा बैराज की अधिकतम जल निकासी की क्षमता 7.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने पर रिवर फ्रंट की गुणवत्ता पर सवालिया निशान खड़े होने लगे है। हालांकि मोन्यूमेंट ऊंचे स्थान पर बने होने से मोन्यूमेंट्स तक पानी नहीं पहुंचने से इन्हें नुकसान नहीं पहुंचा।
नहीं खोला चंबल रिवर फ्रंट
कोटा बैराज के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू किए जाने के बाद सोमवार शाम से रिवर फ्रंट पर लोगों की एंट्री बंद कर दी गई, जो मंगलवार रात को पानी उतरने के बावजूद बुधवार शाम तक बंद रही।
लोकार्पण से चर्चा में रिवर फ्रंट
हैरिटेज चंबल रिवर फ्रंट के लोकार्पण से एक दिन पहले 11 सितम्बर को एनजीटी ने इसे घडियाल अभयारण्य में मानते हुए इसे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी हो गया। 12 सितम्बर को लोकार्पण से ऐन पहले रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कार्यक्रम निरस्त हो गया। इसके अलावा लोकार्पण में 25 देशों के राष्ट्रदूतों के आने का कार्यक्रम व बॉलीवुड सुपर स्टार अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोष व रणवीर सिंह के आने का कार्यक्रम निरस्त हो गया। लोकार्पण के ठीक सामने दिन मध्यप्रदेश की तेज बारिश से चंबल के बांधों में पानी छोड़ने जाने से सोमवार को इसे बंद करना पड़ा। मंगलवार को पानी उतरने के बाद यहां फर्श, सीढि़यां व दीवारों पर लगाई पत्थरों की टाइलें व रेलिंग का हिस्सा बह गया।
बाढ़ में नुकसान नहीं होने का दावा -रिवर फ्रंट को लेकर चीफ आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया ने कोटा बैराज के सारे गेट खोल कर पानी की निकासी करने पर भी रिवर फ्रंट को नुकसान न होने का दावा किया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में कोटा में आई बाढ़ जैसे हालात का असर रिवर फ्रंट पर न हो। इसके लिए इसे 2019 की बाढ़ के उच्चतम स्तर से भी दो मीटर ऊंचा बनाया गया है। घाटों को भी गुणवत्तापूर्ण तरीके से बनाया गया है।
यूआईटी सचिव मानसिंह मीणा ने बताया कि चंबल रिवर फ्रंट के घाटों व सीढि़यों के कुछ पत्थर बैराज में पानी छोड़े जाने से उखड़े है। इन्हें ठीक करवा दिया जाएगा। तेज बहाव के कारण से पत्थर बह गए। गुणवत्ता में खराबी जैसी कोई बात नहीं है।