मंडला. सांपो का शिकार करने वाला दुर्लभ प्रजाति का सांप हिरदेनगर के एक घर में निकला। जिसे सर्प मित्रों ने रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया है। रेस्क्यू टीम की खुशी वाल्मीकि ने बताया कि दुर्लभ प्रजाति के अहिराज सांप नाग, रसल, वाइपर, क्रिएट आदि सांपों को बड़ी आसानी से अपना शिकार बना लेता है। इसलिए इसे सांपों का शिकारी भी कहा जाता है। सर्प रेस्क्यू नैनपुर पीयूष खरे ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान यह अहिराज सांप कोबरा सांप को खाया हुआ था। यह अहिराज सर्प की लंबाई करीब 5 फिट डेढ़ इंच थी। जिसे कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित सफल रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया है। वैसे तो जिले में सांपों को बचाने के लिए बीते कई वर्षो से सक्रिय सर्प मित्र युवाओं की टोली कार्य करती है और सांप की जान बचा रहे हैं। ये सर्पमित्र इंसानों की भी जान बचाने के साथ वन्य प्राणियों, जीव, जंतुओं को सुरक्षित रखने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं।
जानकारी अनुसार जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूरी स्थित ग्राम हिरदेनगर में एक घर पर दुर्लभ प्रजाति के सर्प के निकलने की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। इस जहरीले सर्प की सूचना मंडला के सर्पमित्र टीम सीताराम कछवाहा को दी गई। सूचना मिलने पर सीताराम अपनी टीम के साथ जहां सर्प निकला था, उस घर पर पहुंचे। खुशी वाल्मीकि ने बताया कि यह अत्यंत दुर्लभ प्रजाति का बैनडेड क्रेट अहिराज सांप हैं, जो जहरीला भी हैं। जिसमें न्यूरोटोक्सीन नाम का जहर पाया जाता है। अहिराज सांप दुनिया का चौथा सबसे जहरीला सांप माना गया है। रेस्क्यू टीम में सीताराम कछवाहा सर्पमित्र, उत्तम, खुशी वाल्मीकि, आकाश यादव, सर्प विशेषज्ञ पीयूष खरे के अलावा अन्य लोग उपस्थित रहे।
सर्प मित्र सीताराम ने बताया कि अहिराज सर्प में न्यूरोटॉक्सिक जहर होता है, जिसके काटने पर इंसान के महत्वपूर्ण अंग ह्रदय, फेफड़े इत्यादि काम करना बंद कर देते हैं और इसके काटने पर बहुत कम समय मे लोगों की जान चली जाती है। यह अहिराज सर्प अधिकांश दूसरे छोटे सांपों को अपना शिकार बनाता है।