मंडला. तलवार और भाला के साथ खिलाड़ी मैदान में उतरे और एक दूसरे पर ताबड़तोड़ वार करना शुरू कर दिया। तलवार के हमले से भाला से सुरक्षा करना और कई प्रकार के बारों से स्वयं को बचाते खिलाड़ियों को देखकर दर्शक रोमांचित हो गए। यह दृश्य इंडोर स्टेडिय में बुधवार से शुरू हुए थांगता प्रतियोगिता के पहले दिए गए डेमो का था। खेलो इंडिया यूथ गेम्स के अंतर्गत इंडोर स्टेडियम में 8 फरवरी से थांगता प्रतिस्पर्धा शुरू की गई। शुभारंभ कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश तेकाम, पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत, जनपद अध्यक्ष संतोष सोनू भलावी, ग्रेंड मास्टर थांगता फेडरेशन ऑफ इंडिया प्रेमकुमार सिंह, सेकेटरी जनरल थांगता फेडरेशन ऑफ इंडिया विनोद शर्मा, प्रेसीडेंट थांगता फेडरेशन ऑफ इंडिया सिंह चुंगखम लोईदेंगबिना, असिस्टेंट सेक्रेटरी थांगता फेडरेशन ऑफ इंडिया हृईद्रम किरण कुमार सिंह, लगभग 21 राज्यों से आए खिलाड़ी, खेल पदाधिकारी एवं दर्शक उपस्थित रहे। थांगता प्रतिस्पर्धाओ में भाग लेने वाले राज्यों के खिलाड़ी अपने दल एवं अपने राज्य के झंडे के साथ पहुंचे। ड्रम के दल ने सभी खिलाड़ियों की अगवानी की। थांगता प्रतिस्पर्धाओं के शुभारंभ की घोषणा पुलिस अधीक्षक यशपाल सिंह राजपूत ने की तथा खिलाड़ियों को खेल भावना की शपथ ग्रेंड मास्टर थांगता फेडरेशन ऑफ इंडिया प्रेमकुमार सिंह ने दिलाई। बुधवार को थांगता मैच के महिला एवं पुरूष वर्ग के मुकाबले हुए अगले चरण के मुकाबले 9 फरवरी को सुबह 8 बजे से शुरू होंगे। 10 को सेमीफाईनल एवं फाईनल मुकाबले होंगे।
14 साल की उम्र से मैने थंगता खेलना शुरू किया। मुझे थांगता खेल बहुत पसंद है। मेरा पहला नेशनल मणिपुर में खेला गया। जिसमें मुझे पहला सिल्वर मैडल हासिल हुआ। आज मुझे खेलो इंडिया गेम्स में खेलने का अवसर मिला है।
विवेक कुमार, चंडीगढ़ एमपी
13 साल की उम्र से थंगता खेलना शुरू किया था। पहला चैंपियन कप थंगता गेम्स चंडीगढ के नेशनल खेला। जहां मुझे 1 गोल्ड मैडल मिला। मणिपुर, जम्मू कश्मीर में भी मैडल हासिल किया है। यहां से भी में मेडल हासिल करके जाने का लक्ष्य है।
सेंचुरी हैसनाम, मणिपुर