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मंडला

video story : बढ़ रहा अतिक्रमण पेयजल संकट का दंश भी झेल रहे ग्रामीण

बड़ी खैरी ग्राम पंचायत में अतिक्रमण व पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है। जिसको लेकर ग्राम पंचायत भी चिंतित है। बड़ी के कम्पोस कॉलोनी में शासकीय जमीन पर लोगों के द्वारा कब्जा कर पक्का निर्माण कराया जा रहा है। लगातार यहा कब्जा बढ़ रहा है। लोग बेधड़क स्थाई व अस्थाई रूप से कब्जा कर रहे हैं। अवैध कब्जे जमीन की खरीद-फरोख्त की जा रही है। जिससे कहीं ना कहीं भविष्य में ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

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मंडला. बड़ी खैरी ग्राम पंचायत में अतिक्रमण व पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है। जिसको लेकर ग्राम पंचायत भी चिंतित है। बड़ी के कम्पोस कॉलोनी में शासकीय जमीन पर लोगों के द्वारा कब्जा कर पक्का निर्माण कराया जा रहा है। लगातार यहा कब्जा बढ़ रहा है। लोग बेधड़क स्थाई व अस्थाई रूप से कब्जा कर रहे हैं। अवैध कब्जे जमीन की खरीद-फरोख्त की जा रही है। जिससे कहीं ना कहीं भविष्य में ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां दूसरे पंचायत से आकर कुछ लोग पक्की दुकानें, पक्के भवन का निर्माण करा रहे हैं। शासकीय भूमि पर कब्जा के लिए लोग पहले कच्चा निर्माण करते हैं। एक से दो साल तक अपने पास रखते हैं इसके बाद फिर किसी दूसरे उच्च वर्ग के लोगों को जमीन बेच देते हैं। फिर दूसरे स्थान पर कब्जा कर रहे हैं। सरपंच का कहना है कि यहां कुछ लोगों को ही जमीन का पट्टा दिया गया है। इसके बाद भी अवैध रूप से कब्जे का सिलसिला जारी है। एक तरफ सरकार ने पैसा एक्ट के तहत पंचायत ग्राम सभा को व्यापक अधिकार दिया है, दुसरे तरफ अतिक्रमण करने वाले लोग पंचायत की भी नहीं सुन रहे हैं। यहां स्थित तालाब की मेढ़ पर भी अतिक्रमण किया जा रहा है। पंचायत के बिना अनुमति के मकानों का निर्माण कराया जा रहा है। अतिक्रमण कर पक्का मकान का निर्माण किया जा रहा है। जिसे रोकने के लिए पंचायत ने मौखिक रूप से एवं नोटिस जारी कर निर्माण बंद कराने का प्रयास भी किया लेकिन कार्य नहीं रोका जा रहा है। सरपंच सीमा गोठिया का कहना है कि पूर्व में पटवारी तहसीलदार द्वारा भी उक्त अवैध निर्माण कार्य पर रोक लगाई है, इसके बाद भी अतिक्रमण धारियों के हौंसले बुलंद है।

पेयजल के लिए कर चुके हैं आंदोलन

बड़ी खैरी के सिद्ध टेकरी पहाड़ी में 62 गांव में जल सप्लाई के लिए दो पानी टंकी बनी हुई है। पानी के लगभग 13 साल हो गए। संबधित विभाग का अमला भी टेकरी के नीचे निवासरत है। इसके बाद भी खैरी के लोगों का ही पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यहां 2 दिन तो कभी 4 दिन में पानी की सप्लाई की जाती है। बताया गया कि नर्मदा नदी का जल दोनो टंकी तक पहुंचाया जाता है। इसके बाद निर्धारित गांव में पेयजल की सप्लाई की जाती है। जल दाता ग्राम पंचायत खैरी के लोग ही पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। शहर के निकटतम गांव होने के बाद भी जिम्मेदारों का ध्यान नहीं है। ग्राम पंचायत की सरंपच सीमा गोठिया का कहना है कि पूर्व में जल समस्या को लेकर ग्रामवासियों ने धरना प्रदर्शन, चक्क जाम के माध्यम से शासन प्रशासन को अपनी व्यथा सुनाई है। इस संबंध में नवगठित पंचायत ने विभाग को मौखिक एवं लिखित रूप से अवगत कराया है लेकिन विभाग नियमित रूप से पेयजल की सप्लाई नहीं कर रहा है। योजना का संचालन पीएचई विभाग कर रहा है। पानी उपलब्ध ना होने पर ग्रामीण ग्राम पंचायत को दोषी बना रहे हैं। खैरी नल जल प्रदाय योजना करोड़ों रुपए की लागत से तैयार की गई है। वहीं ग्राम पंचायत में पूर्व से स्थापित हैंडपंप का भी सुधार कार्य नहीं हुआ है। जिससे गर्मी के समय पानी की समस्या विकराल हो रही है। सरपंच का कहना है कि पानी जल सप्लाई में जिसकी लापरवाही है दोषियों पर कार्रवाई की जाए। भीषण गर्मी को देखते हुए शीघ्र सुचारू रूप से पानी ग्राम वासियों को उपलब्ध करया जाए।