मंडला. अंशकालीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार उईके की अध्यक्षता में न्यूनतम वेतन से वंचित कर्मचारियों की नर्मदा के किनारे रपटा घाट पर बैठक संपन्न हुई। जिसे आउटसोर्स, अस्थाई, अनियमित एवं ठेका कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने मुख्यरूप से संबोधित किया।
बैठक में कामगार नेता पीडी खैरवार, संजय सिसोदिया, मनरेगा मेठ संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष कांता यादव, प्रेरक संघ के संदीप गरूण, अंशकालीन के कार्यकारी अध्यक्ष बीरवल भांवरे, राजेश मरकाम, पारूल सारथी, भैयालाल पंद्रे, प्रहलाद टेकाम ने भी अपने विचार व्यक्त किए और 18 मार्च को पूरी ताकत से भोपाल पहुंचने का संकल्प दोहराया। सरकार से जीवन यापन के लिए न्यूनतम वेतन की मांग मिलकर करने का निर्णय लिया। बैठक को संबोधित करते हुए वासुदेव शर्मा ने कहा कि अंशकालीन और अस्थाई कर्मचारियों का पूरा जीवन बीत गया सरकार की नौकरी करते हुए लेकिन मानदेय अब भी मात्र 5 हजार ही मिलता है। इसी तरह ग्राम पंचायतों में काम करने वाले चौकीदार, भृत्य, पंप ऑपरेटर बमुश्किल पंद्रह सौ से पच्चीस सौ रूपए में काम करने मजबूर हो रहे हैं, आयुष विभाग के योग प्रशिक्षकों को भी न्यूनतम वेतन नहीं मिलता है, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे अन्य दूसरे विभागों में भी ऐसे लाखों कर्मचारी हैं, जिन्हें न्यूनतम वेतन नहीं मिलता है, वे न्यूनतम वेतन के अधिकार से वंचित हैं, इसीलिए ऐसे हर कर्मचारी को एक साथ आकर अपनी लड़ाई लड़ना समय की जरूरत है तभी कोई सफलता हासिल की जा सकती है।
वासुदेव शर्मा ने कहा जब समस्या एक जैसी है, मांग एक जैसी है, जिससे मांग रहे हैं वह (मुख्यमंत्री) भी एक है, तब आप लोग एक साथ आकर क्यों नहीं मांग सकते। मेरा मानना है अलग-अलग रहकर संघर्ष करते थकने से बेहतर होगा, सभी को एक साथ आकर संघर्ष को तेज करने की भी सख्त जरूरत है। इसके लिए 18 मार्च ऐतिहासिक मौका है, जिसे अपनी एकता दिखाकर ऐतिहासिक बनाने की जिम्मेदारी आप लोगों को पूरी करनी चाहिए। शर्मा ने बैठक में उपस्थित कर्मचारियों से अधिक से अधिक संख्या में 18 मार्च को भोपाल पहुंचने की अपील की।