23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मंदसौर

video अफसरो को पता नहीं ओर पीआईयू की अनुशंसा पर ठेकेदार ने लगाया प्लाट, कलेक्टर ने अनुमति से मना किया तो लिया यू टर्न, अब झाड़ रहे पल्ला

अफसरो को पता नहीं ओर पीआईयू की अनुशंसा पर ठेकेदार ने लगाया प्लाट, कलेक्टर ने अनुमति से मना किया तो लिया यू टर्न, अब झाड़ रहे पल्ला

Google source verification


मंदसौर.
शिवना शुद्धिकरण प्रोजेक्ट का काम कर रही कंपनी को बिना अनुमति के ही पीआईयू ने अनुशंसा कर पशुपतिनाथ मंदिर समिति से कार्तिक मेला लगने वाले परिसर की जमीन उपयोग के लिए किराए पर दिलवा दी। अब मामला सामने आया तो समिति से लेकर अधिकारी हर कोई इससे पल्ला झाड़ रहे है। जबकि हकीकत तो यह है कि मशीनों के साथ संसाधन पहुंचे और बैस के लिए दीवार तक बनाई तो उसे पानी भी उपलब्ध कराया गया। ओर प्रशासन के अफसरो को पता ही नहीं। कंपनी का कहना है कि जमीन के लिए मंदिर समिति के साथ दो साल के लिए १० लाख में अनुबंध किया। ओर कलेक्टर के अनुमति से इंकार करने के बाद अब हर कोई पल्ला झाड़ रहा है। मामले उलझने के बाद अब कंपनी का काम देख रहे मैनेजर ने भी अपनी कंपनी के अन्य लोगों को यहां बुलाया है।
शिवना प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनी ने शुरु किया प्लाट का काम
दरअसल, शिवना प्रोजेक्ट का काम पीआईयू की देखरेख में हो रहा है और पीआईयू ने मंदिर समिति से यह जमीन ठेकेदार को मशीन लगाने व उपयोग के लिए बाले-बाले ही दिलवा दी। पहले तो यह कहा जा रहा था कि एसडीएम से लेकर अधिकारियों को मामले की जानकारी है लेकिन एसडीएम ने ही इससे मना कर दिया तो मामला उलझ किया। कलेक्टर की अध्यक्षता व एसडीएम सचिव वाली समिति ने बिना अनुमति के ही मेला परिसर की जमीन दे दी ओर ठेकेदार ने भी दीवार बनाने के साथ यहां संसाधन लाकर परिसर की जमीन ही बिगाड़ दी।
मंदिर समिति करती है निर्णय पर यह किसने किया किसी को पता नहीं
पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कलेक्टर होते हैं। और कहने को सारे निर्णय प्रबंध समिति की बैठक में होते है पर मंदिर समिति द्वारा बाले-बाले ही फैसला लेते हुए अफसरो के बिना संज्ञान में ही ठेकेदार को मंदिर परिसर की जमीन दे दी। जो जमीन ठेकेदार को दी वह जमीन मंदिर को देख-रेख के लिए श्रीनाथ मंदिर से मिली। इस भूमि को शिवना सीवर लाइन प्रोजेक्ट का ठेका लेने वाली कंपनी को आरएमसी प्लांट के लिए पांच लाख रुपए सालाना किराए पर देने का तय कर दिया गया। कंपनी ने अपना सामान भी रखना शुरू कर दिया था। इसको मंजूरी देने की फाइल कलेक्टर दिलीप कुमार यादव के पास पहुंची तो उन्होंने अभी इसकी अनुमति नहीं देते हुए और भी जगह देखने को कहा हैं। बावजूद इसके यहां मशीन तक रखवा दी ओर दीवार भी बना दी। जिस जगह पर यह सब हुआ उस जमीन पर कार्तिक माह में लगने वाले मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रेम के लिए मंच बनाया जाता है। फिर भी मंदिर समिति ने सबकुछ पता होने के बाद जमीन दे दी। मंदिर समिति सचिव एसडीएम को भी इसकी कोई सूचना नहीं दी गई।
कंपनी का कहना एग्रीमेंट हुआ प्लांट लगा रहे, समिति ने कहा नहीं हुआ
फाइल की मंजूरी होने से पहले ही मौके पर ठेकेदार केजी गुप्ता इंफ्रास्ट्रेक्चर कंपनी इंदौर ने खुदाई कर 20 फिट से भी ज्यादा लंबी दीवार बना दी थी और उनकी मशीनरी पहुंच गई थी। अब मंदिर समिति से जुड़ी सभी जवाबदार मामले में यू टर्न लेते हुए कह रहे हैं कि कलेक्टर ने प्लांट के लिए भूमि को देने को अभी हां नहीं की है। ओर जमीन भी नहीं दी है और अब मशीनरी उठाई जा रही हैं। पर ठेकेदार कंपनी के मैनेजर का कहना है कि प्लांट के लिए हमारा एग्रीमेंट हुआ है और मौके पर प्लांट का काम चल रहा है। जबकि मंदिर समिति एग्रीमेेंट होने या जमीन देने से अब मना कर रही है। वहीं एसडीएम एसएल शाक्य ने पूरे मामले में मंदिर के प्रबंधक को तलब किया है।
पशुपतिनाथ महादेव मंदिर समिति के अतिथि गृह के पास चंदरपुरा में स्थित श्रीनाथ मंदिर की भूमि पर नवंबर-दिसंबर में लगने वाले मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। इस जमीन की देख-रेख का जिम्माा पशुपतिनाथ मंदिर प्रबंध समिति के पास है। वहीं इन दिनों शिवना शुद्धिकरण के प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। इसमे पाइप लाइन डालने सहित घाट बनाने व अन्य कार्य होना है। ठेकेदार को आरएमसी प्लांट लगाने के लिए आसपास क्षेत्र में खुली भूमि की तलाश थी। इस दौरान मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रम वाली भूमि के लिए मंदिर समिति प्रबंधक कार्यालय को पत्र लिखा गया। पीआइयू की कार्यपालन यंत्री ने भी इस भूमि की अनुशंसा की थी। अब पूरे मामले में वह खुद को अलग बता रही है। इसी दौरान ठेकेदार द्वारा प्लांट के लिए मशीनरी व अन्य सामग्री भी लाई गई। अनुमति हुई नहीं ओर मशीन आई तो मंदिर समिति प्रबंधक ने इस जमीन पर मशीन उतरवा ली ओर ठेकेदार ने यहां दीवार बनाने से लेकर प्लाट लगाने का पूरा काम भी शुरु कर दिया। जानकारी के अनुसार दो साल के लिए पांच लाख रुपए सालाना किराया मंदिर समिति व ठेकेदार के बीच एग्रीमेंट के अनुसार तय हुआ। इसके बाद ठेकेदार ने मशीनरी वहां रखना शुरू कर दी। अस्थायी आरएमसी प्लांट बनाने के लिए मौके पर मैदान में खुदाई कर दी गई ओर दीवार भी बना ली। ओर अब प्लाट स्थापित किया जा रहा ओर अब तक अधिकारी इसस अनजान बने हुए है। खुदाई होने ओर दीवार बनने के बाद मंदिर प्रबंध समिति के प्रबंधक इसकी मंजूरी के लिए फाइल लेकर समिति अध्यक्ष कलेक्टर के पास पहुंचे। कलेक्टर ने इस तरह भूमि किराए पर देने से मना करते हुए पहले मेले के दौरान पार्किंग की व्यवस्था के साथ ही अन्य जगह भी भूमि देखने को कहा है। यह सब कार्य 20 दिनों से चल रहा है और अब कलेक्टर की ना के बाद मंदिर समिति इस पर यू टर्न ले रही है तो अधिकारी भी पल्ला झाड़ रहे है। अब मौके से मशीन हटाने की बात कही जा रही है।
पीआईयू ने की थी अनुशंसा के बाद ठेकेदार का मिली जमीन
मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम वाली भूमि पर शिवना सीवर लाइन प्रोजेक्ट का कार्य कर रही ठेकेदार कंपनी के आरएमसी प्लांट के लिए मंदिर समिति को पत्र लिखा ओर इस जमीन के लिए पीआईयू ने भी अनुशंसा कर दी। इसके बाद ही ठेकेदार ने वहां मशीनों से लेकर सामग्री लाकर प्लाट लगाने का काम शुरु किया और बेस के लिए दीवार भी बना दी। कई दिनों से इसका काम चल रहा है और अब जब अनुमति व एग्रीमेंट नहीं होने की बात कही जा रही है तो मंदिर समिति के मैनेजर से लेकर पीआईयू तक की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे है।
मैनेजर को बुलाया है
ठेकेदार को आरएमसी प्लांट के लिए भूमि किराए पर देने के संबंध में जानकारी नहीं है। मंदिर प्रबंधक को मामले में तलब किया है। बिना अनुमति के प्लाट का काम होने पर कार्रवाई की जाएगी। जिसकी भी इसमें भूमिका है सभी पर कार्रवाई होगी।-एसएल शाक्य, एसडीएम
मैंने अपने सेठजी को बुलाया है
इसी मामले के लिए मैंने अपने सेठजी को बुलाया है। इसके बाद ही इस मामले में कुछ कह पाऊंगा। -रोहित दिवाकर, मैनेजर, केजी गुप्ता इंफ्रास्ट्रेक्चर, इंदौर