मंदसौर.
भगवान पशुपतिनाथ मंदिर के समीप ही सहस्त्र शिवलिंग महादेव मंदिर का निर्माण हुआ। ५ करोड़ रुपए की लागत से बने इस मंदिर में घटिया निर्माण उजागर होने के बाद भी ठेकेदार पर मेहरबानी जारी है। मंदिर प्रबंध समिति ने अब तक इस मामले में ठेकेदार पर कार्रवाई नहीं की। उखड़त ओर दरकते हुए मार्बल को बार-बार बदलवाना ही प्रबंध समिति का काम बन गया है। अक्टूबर-२२ में इस मामले का पत्रिका ने लगाकार खबरों का प्रकाशन कर उजागर किया था। तब अधिकारियों ने काले सॉल्यूशन से चिपकाने से लेकर पुट्टी से इसकी मरम्मत कराई थी लेकिन फिर से मार्बल उखडऩे लगा। मार्बल उखडऩे और टूटने से लेकर रैलिंग टूटने सहित काम की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हुए थे तब भी इसकी मरम्मत कराई गई ना कि कार्रवाई की गई और इस बार फिर वहीं हो रहा है।
लोकार्पण के बाद निकलने मार्बल को लगवाना तो दूर कोई देखने तक नहीं पहुंचा
सहस्त्र शिवलिंग महादेव मंदिर के बाहर परिसर में मार्बल कई जगहों पर टूट गया है तो निकल रहा है। और दरारें तो अनेक जगह दिखाई दे रही है। जिसे सुधार करवाने की स्थिति बन गई तो यहां लगे पिल्लर व दीवारों से मार्बल निकल रहा है और रैलिंग टूट रही है। तो स्केटिंग भी अनेक जगहों से निकल चुकी है। बाहरी सीढिय़ों से लेकर अंदर तक अनेक जगहों पर ऐसी स्थिति बन रही है। पीआईयू विभाग को इसके निर्माण की देखरेख की जवाबदारी थी लेकिन मामले में ना ो विभाग पर कार्रवाई के साथ जवाबदेही तय हो रही है और ना ही ठेकेदार पर। प्रशासन की मेहरबानी के कारण घटिया निर्माण के चलते बार-बार मरम्मत करना पड़ रही है।
८ मई को सीएम ने किया लोकार्पण
मई-२०१८ में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इस मंदिर के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया था। इसके बाद से धीमी गति से काम चलता रहा। जैसे-तैसे बनकर तैयार हुआ तो ८ मई-२०२२ को मुख्यमंत्री ने ही मंदसौर पहुंचकर सहस्त्र शिवलिंग मंदिर का लोकार्पण किया। यहां पूजा-अर्चना की। लेकिन महज चार माह में ही यहां हुए काम की गुणवत्ता दीवारों से निकलते तो परिसर से उखड़ते और पिल्लर के साथ अन्य जगहों से निकलते हुए मार्बल और टूटती हुई रैलिंग से दिखी। पत्रिका ने मामला उजागर किया तो आनन-फानन में मरम्मत का काम शुरु कर दिया। लेकिन ६ माह के बाद फिर से मार्बल उखडऩे से लेकर स्केटिंग निकलने का मामला सामने आया है और टूटा मार्बल फिर बदला जा रहा है। निर्माण के समय मंत्रियों से लेकर विधायक व कलेक्टर ने अनेको बार निरीक्षण यहां पहुंचकर किया। इतना ही नहीं लोक निर्माण विभाग से लेकर पीआईयू के अलावा अन्य विभागीय अधिकार अनगिनत बार यहां पहुंचे लेकिन निर्माण की गुणवत्ता टूटते ओर उखड़े हुए मार्बल को देख लगाई जा सकती है। ठेकेदार ने सभी अधिकारियों के निर्देशों को हवा में उड़ाते हुए काम अपने हिसाब से ही किया।
मेंटेंनेस करना है
ठेकेदार को ही मेटेंनेंस करना है। ऐसे में वह सुधार कार्य कर रहा है। पानी के चलते ऐसी स्थिति बन रही है। -बबीता मालवीय, कार्यपालन यंत्री, पीआईयू