मंदसौर
प्रदेश में तस्करी को लेकर टॉप थ्री में जिला आता है। यहां पर तस्करों पर कड़ी कार्रवाई को लेकर पहले पुलिस अधीक्षक ने पीट एनडीपीएस की कार्रवाई की तो अब तस्करों ने जो तस्करी कर कालाधन अर्जित कर प्रापर्टी और गाडिय़ां खरीदी है। उन पर कार्रवाई करने के लिए सफेमा की कार्रवाई की जाएगी। ताकि तस्करों पर आर्थिक मार भी पड़े। पुलिस अधीक्षक ने अब तक ऐसे चार तस्करों के प्रकरण बनाकर भी मुंबई भेज दिए है। और दो तस्करों के प्रकरण जल्द ही भेजे जाएंगे। पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया ने पूरे जिले से करीब २० से २५ तस्करों को चिह्ंित किया है। जिन पर सफेमा के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों की माने तो यह उन तस्करों पर कार्रवाई की जाती है। जो कर्मिशयल काउंटीटी में अवैध मादक पदार्थ के साथ पकडाएं है। जिनको १० या उससे अधिक साल की सजा होती है। सफेमा के नियमों के अनुसार ऐसे तस्करों की प्रापर्टी से लेकर गाडिय़ां और अन्य की जानकारी ली जाती है। और फिर प्रकरण बनाकर मुंबई भेजा जाता है। प्रकरण बनने के ३० दिन तक तस्कर की संबंधित संपत्ति फ्रीज हो जाती है। वह ना तो उस संपत्ति को बेच सकता है। और ना ही दूसरे के नाम कर सकता है। और वहां से प्रकरण में सजा हो जाती है तो वह संपत्ति, गाड़ी फिर निलाम की जाती है। तस्करों ने कितने समय में कालाधान कमा कर संपत्ति और गाड़ी अर्जित की है। इसकी पूरी जानकारी पुलिस के पास प्रकरण के दौरान होती है। और फिर प्रकरण पेश किया जाता है। पुलिसअ धिकारियों की माने तो तस्करी रोकने के साथ-साथ तस्करों पर पीट एनडीपीएस और सफेमा कीक ार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
इनका कहना..
छह तस्करों को चिह्ंित कर उनके खिलाफ सफेमा की कार्रवाई की जा रही है। चार प्रकरण प्रस्तुत कर दिए है। और पूरे जिले में २० से २५ तस्करों के खिलाफ सफेमा के तहत कार्रवाई की जाना है।
अनुराग सुजानिया, पुलिस अधीक्षक मंदसौर।