मेरठ। रविवार को मेरठ समेत सम्पूर्ण उत्तरी भारत में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। लोगों ने सुबह उठकर मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ ही अपने दिन की शुरूआत की। सरस्वती पूजन के साथ होलिकोत्सव की घोषणा करता होलिका खंभ भी इसी दिन चौराहों पर लगाया गया। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार बसंत पंचमी 10 फरवरी सुबह 11 बजे तक का रहा। दरअसल, पंचमी शनिवार सुबह 8.55 पर लगी थी, लेकिन सूर्योदय मान के कारण इसको रविवार को मनाया गया।
मंदिरों में किए गए यज्ञोपवीत संस्कार
मंदिरों में बसंत पंचमी के मौके पर सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार किए गए। इसके अलावा जैन समाज ने महावीर स्वामी की प्रतिमा को नगर भ्रमण करवाया। धर्म ध्वज की अगुआई में शोभा यात्रा निकाली गई। शास्त्रीनगर स्थित सरस्वती मंदिर स्कूल में सरस्वती पूजन अनुष्ठान किया गया। सुबह से ही पूजन, भोग, पुष्पांजलि, हवन, भजन आदि किया गया। पूजन कार्यक्रम दो दिन तक चलेगा।
रंगबिरंगी पतंगों से सजा आसमान
मेरठ में रंगबिरंगी पतंगों से आसमान सज गया। बच्चों और बड़ों ने रात से ही छतों पर चढ़कर पतंगबाजी शुरू कर दी थी। रविवार होने के कारण बसंत का मजा और अधिक दुगना हो गया। लोगों ने रविवार पतंगबाजी कर मनाया।
खूब हुए फाल्ट बिजली रही गुल
पतंगबाजी के चलते बिजली के खूब फाल्ट हुए। जिसके चलते बिजली आती जाती रही। बिजली की आंख मिचौली के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मांझा बिजली के तारों में उलझता रहा और फाल्ट होते रहे। कहीं-कहीं तो तार भी टूटकर सड़क पर गिरे।