मेरठ। वर्ष 2019 का पहला चंद्रग्रहण सोमवार सुबह को पड़ा। हालांकि यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया। यह चंद्रग्रहण सिर्फ अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका व कुछ दूसरे देशों में दिखाई दिया। बताते चलें कि हिन्दू पंचांग के मुताबिक वर्ष 2019 में पांच ग्रहण पड़ेंगे। जिनमें तीन सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण होंगे। आज पड़ने वाला ग्रहण का भारत में कोई असर नहीं दिखा। इस दौरान मंदिरों के कपाट भी खुले और लोगों ने पूजा-अर्चना भी की। चूंकि ग्रहण भारत में नहीं था इसलिए इस दौरान सूतक भी नहीं लगा। जिस कारण मंदिरों के कपाट खुले और धार्मिक काम किए गए। आज पौष शुक्ल पक्ष पूर्णिमा सोमवार को इस साल का पहला चंद्रग्रहण लगा। हालांकि ग्रहण को लेकर काफी दिन से लोगों में तरह-तरह की भ्रांतियां फैली हुई थी। जिसको लेकर लोग भयभीत भी थे। वे ज्योतिषाचार्य के पास अपनी कुंडली लेकर पहुंच रहेे थे, लेकिन ज्योतिषियों ने उनकी भ्रम की स्थिति यह कहकर दूर की कि यह ग्रहण भारत में नहीं पड़ रहा। इसलिए इससे भयभीत होने की जरूरत नहीं है। ग्रहण अपने तय समय के अनुसार लीबिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, रूस के कुछ भाग, अटलांटिक महासागर तथा अन्य कुछ देशों में दिखाई दिखा। भारत में इस चंद्रग्रहण का कोई असर नहीं पड़ेगा और पौष शुक्ल पूर्णिमा का विशेष महत्व होने से यहां यह दिन पर्वकाल के रूप में मनाया जाएगा। मेरठ में भी यह ग्रहण पर्व काल के रूप में मनाया गया। ग्रहण के दौरान मेरठ के सभी प्रमुख मंदिरों और धार्मिक प्रतिष्ठानों के कपाट खुले। मंदिरों में लोगों ने भगवान की पूजा-अर्चना की। ज्योतिषाचार्य आचार्य हबीब के अनुसार पौष शुक्ल पूर्णिमा को पड़ने वाले खग्रास चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों के बीच अनेक भ्रांतियां रही हैं, लेकिन इस ग्रहण का भारत में और राशियों, ग्रह-नक्षत्रों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया। इसलिए इससे डरने की आवश्यकता है। इसका प्रभाव देश के हिस्सों में न के बराबर होगा। यह चंद्रग्रहण भारतीय समय के अनुसार सुबह 10.11 बजे शुरू हुआ और 11.12 बजे समाप्त हो गया। ग्रहण काल पूरे एक घंटे रहा। ग्रहण काल के दौरान देश में सूतक काल नहीं लगा।