मेरठ। अप्रैल में तापमान बढ़ने के साथ ही संचारी बीमारियों ने भी पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए सरकारी अस्पताल में विशेष उपाय किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल और मेडिकल में बीमार मरीजों की देखरेख के लिए विशेष कांउटरों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा इन जगहों पर चिकित्सकोें को भी समय से बैठने के लिए कहा गया है। बीते दिनों कुछ बारिश हुई तो लोगों को गर्मी से राहत मिलनी शुरू हुई थी, लेकिन इधर तीन दिन में सूरज ने अपने तेवर दिखाए तो लोगों को परेशानी होनी शुरू हुई। मौसम का मिजाज बदलते ही जिले में बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। उल्टी, दस्त, बुखार पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा होने से अस्पतालों में भीड़ बढ़ रही है। गांवों में गंदगी व बजबजाती नालियों से चिकनपॉक्स व पीलिया आदि का प्रकोप का खतरा बना है। रोजाना सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में बुखार, पेट दर्द व उल्टी दस्त के मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। गांवों में मरीजों की संख्या देख झोलाछापों ने सक्रियता बढ़ा दी है। हालांकि सीएमओ ने ग्रामीणों और महानगरवासियों को बीमारी से बचाव के उपाय बताए हैं। वहीं झोलाछाप चिकित्सकों से इलाज न करवाने की हिदायत दी है। जिला अस्पताल में सोमवार को बड़ी संख्या में मरीजों के पहुंचने से पर्चा बनवाने तथा दवा लेने के लिए मरीजों को लंबी लाइन लगी रही। फिजीशियन कक्ष के बाहर भी मरीजों ने अपनी बारी आने का इंतजार किया। सीएमओ डा. राजकुमार ने बताया कि पेट दर्द, बुखार, उल्टी, दस्त, पीलिया से पीड़ित सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन अस्पताल और मेडिकल में पहुंच रहे हैं। इनमें गंभीर रोगियों को भर्ती कर उपचार कराया जा रहा है।
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