मिर्ज़ापुर. क्रिसमस की रात यीशु के जन्म का जश्न मना रहे दलितों की बस्ती में बजरंग दल कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हंगामे का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पूरी घटना को लेकर अब वीडियो वायरल हो चुका है। जिसमें दलित समाज की महिलाओं और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के बीच जम कर नोक झोंक हो रही है। बजरंग दल कार्यककर्ताओं ने क्रिसमस के कार्यक्रम के बहाने धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगा कार्यक्रम को जबरन बंद करवा दिया था। वहां लगे साउंड और म्यूजिक सिस्टम के तार काट दिए और कुर्सियों को भी पलट दिया। कार्यकर्ताओ ने वहां आये एक प्रचारक से बाइबिल निकाल कर धर्मपरिवर्तन का आरोप लगाया। इस दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं एवं दलित महिलाओं के बीच देर तक तीखी नोंक-झोंक होती रही। घटना तब की है, जब चुनार कोतवाली थाना क्षेत्र के सोनवर्षा गांव की दलित बस्ती में टेंट और म्यूजिक सिस्टम लगा कर क्रिसमस मनाया जा रहा था। बजरंग दल कार्यकर्ताओं की शिकायत पर चुनार कोतवाली पुलिस ने कार्यक्रम बंद कराया। बजरंगदल के नेता आशीष पाठक ने ईसाई मिशनरियों पर 12 हजार रुपये और नौकरी के लालच में सभी के धर्म परिवर्तन के लिए दलित बस्ती में कार्यक्रम करने का आरोप लगाया। उन्होंने खुद धर्म परिवर्तन कराने से दो लोगो को बचाने का दावा भी किया। मगर दलित बस्ती के अर्जुन मिस्त्री ने बजरंग दल के आरोपो से इनकार करते हुए बताया कि हम लोग बाइबिल पिछले चार सालों से पढ़ रहे है। पिछले चार सालों से इस तरह का कार्यक्रम भी करते है। मगर यह लोग आए और हंगामा करते हुए कहा कि यहां धर्म परिवर्तन हो रहा है। गीता पढ़ो हम देंगे। वहीं, कार्यक्रम में शामिल गुलाब प्रसाद ने बताया कि पहले वह पन्द्रह से बीस लोग झण्डे लेकर आए और जय श्रीराम और जय बजरंगबली का नारा लगाते हुए कार्यक्रम बंद करवा दिया। कहा कि अगली बार करोगे तो देख लेंगे। पुलिस पहुंची तो, मगर कोई सुनवाई नही हुई। फिलहाल पूरे मामले के अब तूल पकड़ने पर सफाई देते हुए पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन अजय कुमार सिंह ने कार्यक्रम में धर्मपरिवर्तन से इनकार करते हुए कहा पूरे मामले की जाँच कर विधिक कार्रवाई करने की बात कही। फिलहाल पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई की बात भले ही कह रही हो, मगर पूरे मामले में शुरू से पुलिस लीपापोती करती हुई नजर आ रही है।