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Nagaur patrika…हर कदम पर खतरा: प्रशासन की लापरवाही से जान जोखिम में, सडक़ हुई गायब…VIDEO

नागौर. कायस्थ मोहल्ले की सडक़ पर हर कदम पर गहरे गड्ढे हैं, जो किसी भी राहगीर के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। यहां 100 मीटर के क्षेत्र में दो सौ से ज्यादा गड्ढे हो चुके हैं। राहगीरों के लिए यह सडक़ों की स्थिति एक गंभीर समस्या बन चुकी है, क्योंकि यह न केवल पैदल […]

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नागौर. कायस्थ मोहल्ले की सडक़ पर हर कदम पर गहरे गड्ढे हैं, जो किसी भी राहगीर के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। यहां 100 मीटर के क्षेत्र में दो सौ से ज्यादा गड्ढे हो चुके हैं। राहगीरों के लिए यह सडक़ों की स्थिति एक गंभीर समस्या बन चुकी है, क्योंकि यह न केवल पैदल चलने वालों के लिए, बल्कि वाहन चालकों के लिए भी बेहद खतरनाक है। शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने सडक़ मरम्मत की ओर कोई कदम नहीं उठाया।
मंदिरों तक जाने में मुसीबत, श्रद्धालुओं की परेशानी
कायस्थ मोहल्ले में दो मंदिर स्थित हैं, लेकिन इन मंदिरों तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को गड्ढों से भरी, टूटी-फूटी सडक़ पार करनी पड़ती है। महिला श्रद्धालुओं, बच्चों और बुजुर्गों को इस स्थिति में बेहद परेशानी होती है। कभी-कभी सडक़ पर पानी भर जाने से छोटे तालाब बन जाते हैं, जिससे और भी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से कोई समाधान नहीं निकाला गया है।
प्रशासन की बेरूखी, इलाके का अपमान
स्थानीय निवासी कई बार नगर परिषद और जिला प्रशासन से सडक़ की मरम्मत या पुनर्निर्माण की मांग कर चुके हैं, लेकिन उनके किसी भी प्रयास का कोई असर नहीं हुआ। अब लोगों में असंतोष के स्वर मुखर होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि वह भी टैक्स अदा करते हैं, मगर सडक़ निर्माण की बात होती है तो प्रशासन की नजर में यह कोई समस्या ही नहं होती है। आए दिन इसकी वजह से हल्के स्तर पर के हादसे होते रहते हैं। ऐसे में कोई अनहोनी हो गई तो फिर कौन जिम्मेदार होगा।
जनता बोली…
पिछले पांच सालों से सडक़ की हालत खराब है। इस सडक़ पर पैदल तक चलना मुश्किल हो गया है। विशेषकर महिलाओं एवं बच्चों के लिए कठिन स्थिति हो गई है। इसके बाद भी सडक़ की न तो मरम्मत कराई गई, और न ही नई सडक़ बनी।
राजेश कुमावत, कायस्थ मोहल्ला
यह बेहद अफसोसजनक स्थिति है कि अवगत कराने के बाद भी जिम्मेदार समस्या का समाधान नहीं करते हैं। शिकायत सुनकर ऐसा जताते हैं कि मानो एहसान कर रहे हों। आखिर उनकी उनकी नियुक्तियां जनता की सेवा के लिए होती है, लेकिन वह तो खुद की सेवा करने में लगे हुए हैं।
मंजू, गृहणी, कायस्थ मोहल्ला
गाडिय़ां चलते समय कई बार फिसल जाती है, विशेषकर बाइक चलाते समय सावधानी बरतने के बाद भी हादसे हो जाते हैं। इस पूरी सडक़ का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं बचा है कि जिस पर आसानी से सफर किया जा सके।
बिरदीचंद शर्मा, कायस्थ मोहल्ला
मैं तो इस सडक़ पर गड्ढे के कारण दो बार गिर चुका हूं। हालत यह है कि सडक़ की, यहां से गुजरते समय मंदिर जाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। अक्सर यहां पर पानी भर जाता है। इसका कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।
घनश्याम, कायस्थ मोहल्ला