नागौर. किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के साथ ही उनको सशक्त बनाने के लिए वर्मी कंपोस्ट इकाई निर्माण योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत किसानों को लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50 हजार रुपये तक का अनुदान मिलेगा। नागौर जिले में वर्मी कंपोस्ट की 125 स्थाई इकाइयां स्थापित की जाएगी।
किसानों को वर्मीकम्पोस्ट इकाई का स्थायी निर्माण करने पर अनुदान देने की घोषणा राजस्थान सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में की थी। इस योजना से जुडऩे के लए किसान निकटतम ई-मित्र केंद्र पर जाकर या स्वयं राज किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन स्वीकार नहीं किए जाएंगे। अनुदान लाभ पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। आवेदन अधिक होने की स्थिति में लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
योजना का यह है उद्देश्य
राशायनिक खादों एवं कीटनाशकों के अधिकाधिक प्रयोग से बंजर होती जमीन को बचाने के साथ खाद्यान्न की गुणवत्ता बेहतर करने की दृष्टि से यह योजना शुरू की गई है। इस योजना से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण संतुलन भी बना रहेगा। रासायनिक खादों के उपयोग को कम करना और मृदा की उर्वरकता को बनाए रखना है। गोबर व कचरे से अच्छी गुणवता वाली जैविक खाद बनाना है। ताकि जमीनें बंजर न हो।
इकाई पर अनुदान देय
वर्मी कंपोस्ट इकाई स्थापना योजना के तहत किसानों को वर्मी कम्पोस्ट इकाई का स्थायी निर्माण करने पर अनुदान दिया जाएगा। इसमें कार्यक्रम के तहत किसानों को 30 गुणा 8 फीट गुणा 2.5 फीट आकार के पक्के निर्माण के साथ वर्मी कंपोस्ट इकाई की स्थापना के लिए 50 हजार रुपये तक का अनुदान मिलेगा।
वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थायी निर्माण के पात्रता
वर्मी कम्पोस्ट इकाई स्थायी निर्माण के लिए भूस्वामित्व वाले किसान आवेदन कर सकते हैं। पर्याप्त पशुधन है, पानी और कार्बनिक पदार्थ की पर्याप्त उपलब्धता है। किसानों के पास न्यूनतम 0.4 हैक्टेयर कृषि योग्य स्वयं की भूमि होनी चाहिए। किसान स्वयं के नाम से भू-स्वामित्व नही होनें की स्थिति में किसान के पिता के जीवित होने या मृत्यु पश्चात नामान्तरण के अभाव में यदि आवेदक किसान स्वयं के पक्ष में भू-स्वामित्व में नोषनल शेयर धारक का प्रमाण पत्र राजस्व विभाग/हल्का पटवारी से प्राप्त कर आवेदन के साथ प्रस्तुत करता है तो भी अनुदान के पात्र माने जाएंगे। किसान नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर अथवा स्वयं के स्तर पर राज किसान साथी पोर्टल पर किसान/नागरिक लॉग इन पर जाकर जनाधार नम्बर के माध्यम से आवेदन कर सकेगा। आवेदन पत्र को ई-प्रपत्र में भरा जा सकता है। आवश्यक दस्तावेज जमाबन्दी की नकल 6 माह से अधिक पुरानी नही होनी चाहिए। इसको स्केन कर अपलोड करने होगे।
आफलाइन नहीं लिए जाएंगे आवेदन
कृषि विभाग के कृषि अनुसंधान अधिकारी श्योपालराम जाट ने बताया कि आवेदक को आवेदन पत्र की प्राप्ति की सूचना ऑनलाईन आधार में पंजीकृत मोबाईल पर एसएमएस द्वारा प्राप्त होगी। आवेदन पत्र की ऑनलाईन जांच के समय आवेदन में कोई कमी पायी जाने पर आवेदक को आधार सें जुडे मोबाईल नम्बर पर इस बाबत संदेश भेजा जाएगा। आवेदक को 15 दिवस के अन्दर राज किसान साथी पोर्टल पर कमी की पूर्ति करनी होगी। अन्यथा 15 दिवस के उपरांत आवेदन स्वतं ही निरस्त हो जायेगा। किसी भी स्थिति में आवेदन ऑफलाईन स्वीकार्य नही होगें।
इनका कहना है…
जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने की दृष्टि से सरकार ने यह योजना शुरू की है। इसमें काश्तकारों को 50 हजार तक अनुदान अनुदान मिलेगा। योजना से जुडऩे के लिए किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
हरीश मेहरा, संयुक्त निदेशक, कृषि विस्तार नागौर