नागौर. शहर की सघन आबादी से भारी वाहनों के गुजरने को लेकर सुभाष कॉलोनी के बाशिंदे सोमवार को खुद ही बैरियर बन गए। अधिकारियों की कड़ी मशक्कत के बाद भी वैकल्पिक मार्ग से वाहनों के अब मंगलवार से जाने के आश्वासन पर ही माने।
रेलवे यार्ड से अनाज की खेप को लादकर एफसीआई गोदाम जाते भारी वाहनों को कृषि मंडी के निकट मोड़ पर सोमवार को सुबह करीब 11 बजे स्थानीय निवासियों ने रोक दिया। वाहन चालकों स्थानीय बाशिंदो से वाहन ले जाने का अनुरोध किया, लेकिन लोग नहीं माने। थोड़ी ही देर में स्थानीय निवासियों की भीड़ एकत्रित हो गई, और इधर ट्रकों की भी लंबी लाइन लग गई। ट्रक चालकों से मिली जानकारी पर जिला रसद अधिकारी मौके पर पहुंचे, और समझाने का प्रयास किया। फिर भी लोग नहीं माने। जिला रसद अधिकारी एवं स्थानीय बाशिंदों के बीच करीब डेढ़ से दो घंटे तक हुई बातचीत बेनतीजा रही। इसके बाद स्थानीय बाशिंदों ने ट्रकों के गुजरने वाले रास्ते जिला रसद अधिकारी को ले जाकर दिखाया गया। मौके पर जिला रसद अधिकारी ने भी माना कि भारी वाहन सघन आबादी क्षेत्र से गुजर रहे हैं। इससे खतरा है। इसके बाद स्थानीय बाशिंदे जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित के पास पहुंचे। साथ में जिला रसद अधिकारी भी थे। दोनों के मध्य करीब पौन घंटे तक चली बातचीत में जिला कलक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने भी आबादी क्षेत्र से भारी वाहनों के ले जाने पर असहमति जताते हुए दूसरे रास्ते से ले जाने की नसीहत दी।
छह माह पहले बनी सडक़ टूटी
स्थानीय बाशिंदों की माने तो महज छह माह पहले बनी नई सडक़ भारी वाहनों के आवागमन होने के चलते टूट गई। बताते हैं कि इस पूरे क्षेत्र में सीसी रोड बनाई गई थी तो कॉलोनीवासियों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन यह राहत कुछ दिनों बाद असंतोष में बदल गई। इलाके सत्यनाराण ने बताया कि पूरे 200 मीटर तक तो सडक़ की हालत ऐसी हो गई कि, लगा कि कभी यहां पर सडक़ थी ही नहीं। यही नहीं, इस पूरे रास्ते में कई जगहों पर हुए गड्ढे के कारण स्थिति यह हो गई कि बाइक का गुजरना मुश्किल हो गया है। फिर भी यह भारी वाहन निर्बाध गुजर रहे हैं।
आए दिन टूटते रहते हैं वाहन
कॉलोनी होने की वजह से कई लोग अपने वाहन घरों के सामने ही खड़े कर देते हैं। थोड़ी देर में आते हैं तो पूरा वाहन ही क्षतिग्रस्त मिलता है। स्थिति यह है कि अभी कुछ दिन पहले ही घर के सामने खड़ी एक कार न केवल बुरी तरह पिचक गई, बल्कि इसके शीशे भी टूट गए। इसी तरह एक ऑटो वाहन खड़ा था। इसकी भी वहीं हालत हो गई। तेज रफ्तार गुजरते माल लदे वाहनों केे चालक आंधी की तरह गाड़ी चलाते हुए गुजरते हैं। कॉलोनी होने की वजह से कई बार बच्चे एवं बुजुर्ग भी यहां पर इधर से उधर जाते रहते हैं। ऐसे में अनहोनी की आशंका हमेसा बनी रहती है।
पेयजल लाइन टूट जाती है
बताते हैं कि इन वाहनों के चलते पेयजल लाइन आए दिन टूटती रहती है। इसका पानी पूरे कॉलोनी में फैलकर रास्तों को खराब करता रहता है। इसकी वजह से लोगों को पीने का पानी तक मयस्सर नहीं हो पाता है। करीब छह माह पूर्व ही बिजली के आधा दर्जन से ज्यादा पेालों को रात्रि में इन भारी वाहनों ने उखाड़ दिया था। दो दिनों तक पूरे कॉलोनी क्षेत्र में बिजली के अभाव से लोग परेशान रहे। संयोगवश कोई हादसा नहीं हुआ।
यहां से गुजर सकते हैं यह वाहन
स्थानीय बाशिंदों के अनुसार रेलवे यार्ड से संजय कॉलोनी रेलवे फाटक, इसके बाद बासनी पुलिया के नीचे से होकर वाहन अपने गंतव्यों तक जा सकते हैं।
जनता की जुबानी: गुजरे भारी वाहनों से डर
सघन आबादी क्षेत्र का महज 15 फुट का रास्ता है। ऐसे संकरे रास्ते से भारी वाहनों को गुजरना नहीं चाहिए। इनकी वजह से बच्चों को पूरे दिन घरों में बंद रखना पड़ता है। कई बार लोग वाहनों की चपेट में आने से बचे हैं।
मनोज पारीक, सुभाष कॉलोनी
माल लदे वाहनों के कारण सडक़ टूट जाती है। सीसी रोड बनी सडक़ का इन वाहनों की वजह से सत्यानाश हो गया। आज स्थिति यह है कि पूरे रास्ते में बिखरी गिट्टियां भी हादसे का सबब बनने लगी हैं।
रामनिवास बिश्नोई, सुभाष कॉलोनी
इन भारी वाहनों के कारण पूरे क्षेत्र में हर समय धूल का गुबार रहता है। इससे बच्चों एवं बुजुर्गों को बेहद तकलीफ होती है। विशेषकर दमा के रोगियों को भी इससे बेहद मुश्किल होती है। कई बार ऐसे रोगियों को अस्पताल तक ले जाना पड़ता है।
रामस्वरूप वैष्णव, सुभाष कॉलोनी
यहां से भारी वाहनों के गुजरने के चलते सडक़ों के टूटने के साथ ही लोगों के जान-माल का तो खतरा बना ही रहता है। वाहनों के कंपन की वजह से लोगों के घरों में भी दरारें आ चुकी है। इस संबंध में पहले भी अधिकारियों को बताया जा चुका है।
नेमीचंद वैष्णव, सुभाष कॉलोनी