नागौर. नगरपरिषद के सभागार में मंगलवार को तमाम असमंजसों के बीच नगरपरिषद बोर्ड की बैठक हुई। सभापति एवं उपसभापति की अनुपस्थिति में इसकी अध्यक्षता सदन में से ही सर्वसम्मति से पीठासीन अधिकारी के तौर पर चुनकर आए ओमप्रकाश सांखला ने की। बैठक में नाला सफाई, अवैधानिक रूप से जारी हुए पट्टे, विभिन्न विकास कार्य और भूमि नियमन कृषि भूमि नियमन धारा 69 के के आवासीय एंव कमर्शियल की पत्रावलियों के अनुमोदन मृत कर्मचारियों के आश्रित परिवारों को अनुकंपा नियुक्ति के साथ छह कॉलोनी के लेआउट प्लान के अनुमोदन और अहिछत्रपुर आवासीय कॉलोनी की प्रक्रिया के विलंब के कारणो आदि पर चर्चा की गई।
नगरपरिषद की बैठक अपराह्न में तीन बजे शुरू हुई। अध्यक्षता के लिए पार्षदों के बीच से ही सर्वसम्मति से पार्षद ओमप्रकाश सांखला को पीठासीन अधिकारी के तौर चुना गया। इसके पश्चात पीठासीन अधिकारी के तौर पर सांखला ने एजेण्डे में शामिल विषयों पर चर्चा की अनुमति दी। बैठक में पार्षद गोविंद कड़वा ने कहा कि जानकारी में आया है कि उनके वार्ड के खसरा नंबर 53 में 300 वर्ग गज के तीन पट्टे अवैधानिक तरीके से जारी कर दिए। इसी तरह खसरा नंबर 38 में तीन से चार बीघा की भूमि नगरपरिषद की जमीन पर अतिक्रमण होने की आशंका हैँ। पहले यहां परिषद का बोर्ड लगा था, लेकिन इसे हटा दिया गया। इसमें मंदिर एवं पीएचडीई की ओर से टंकी बनाई जानी है। यहां पर फिर से परिषद का बोर्ड लगना चाहिए, नहीं तो यह जमीन अतिक्रमणी निगल लेंगे। इसके साथ ही वार्ड की क्षतिग्रस्त सडक़ों एवं सीवरेज लाइन के कनेक्शन नहीं होने का मुद्दा उठाया। इस पर अविलंब कदम उठाए जाने का आग्रह किया गया। इंदास रोड राजपूत कॉलोनी रेलवे लाइन के पास तिरंगा लाइट लगाए जाने का आवेदन किया गया, लेकिन नहीं लगी। इस दौरान अधिशासी अभियंता हनुमान कापड़ी ने बताया कि 54 विकास कार्यों के टेंडर किए जाने थे, लेकिन नहीं हो पाए। सर्वसम्मति से इसके टेंडर कराए जाने की अनुमति दी गई। आयुक्त रामरतन चौधरी ने भूमि निष्पादन नियम 1974 के अन्तर्गत एवं राजकीय भूमि नियमन/कृषि भूमि नियमन / धारा 69क के आवासीय / व्यावसायिक आदि पत्रावलियो में अनुमोदन का प्रस्ताव सदन के समक्ष रखा। इसकी सूची सभी को दी गई। सदन ने चर्चा करते हुए कहा कि राशि जिनकी जमा हो चुकी है। यथोचित स्थिति देखकर पट्टे सही हो तो जारी कर दिए जाएं।
डीएलबी से लेंगे मागदर्शन
अहिछत्रपुर कॉलोनी की प्रक्रिया में विलंब के कारणों पर चर्चा के दौरान पार्षद धर्मेन्द्र पंवार ने कहा कि रेरा की ओर से मांगी गई जुर्माना राशि 85 लाख ज्यादा है। इस संबंध में परिषद में कोर्ट में भी जा सकती है, लेकिन पार्षद गोविंद कड़वा ने इसका प्रतिवाद करते हुए कहा कि 85 लाख में 85 करोड़ आते हैं तो यह राशि तुरन्त जमा कर देनी चाहिए। कोर्ट में जाने की स्थिति में फिर यह प्रकरण लंबित हो जाएगा। इस पर तय किया गयी डीएलबी से मार्गदर्शन लेकर इस पर अगला कदम उठाया जाएगा, नहीं तो अगली जीसी में इस पर फिर चर्चा कर ली जाएगी।
नाला सफाई कराने की मांग
पार्षद मकबूल ने कहा कि उनके क्षेत्र में नाला सफाई नहीं कराई जा रही है। इसके चलते लोगों के घरों में पानी भर रहा है। इस संबंध में उनकी ओर से सभापति से कई बार अनुरोध किया गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। पार्षद गोविंद कड़वा इस मुद्दे पर कहा कि पूरे शहर की सडक़ें टूटी हुई हैं। सफाई व्यवस्था का बुरा हाल है। ठेकेदार फोन उठाते तक नहीं हैं। इसका समाधान होना चाहिए।
सभापति कक्ष में लगा रहता है ताला
पार्षद भजन सिंह ने कहा कि सभापति कक्ष में हमेसा ताला लगा रहता है। सभापति आते नहीं है। अब विभिन्न समस्याओ को लेकर परिषद में आने वाले पार्षद इस धूप में कहां बैठे। ऐसे में इस ताले को तोड़ देना चाहिए। इस दौरान पार्षदों ने एक स्वर से कहा कि सभापति तो नगरपरिषद आते नहीं है। जनता की समस्या सुनने के लिए उनके पास समय तक नहीं रहता है। इसका समाधान होना चाहिए।
डोर-टू-डोर हटेगा कचरा
अधिशासी अभियंता कापड़ी ने बताया कि सफाई व्यवस्था में आमूल-चूल सुधार के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। क्षेत्र में लोगों के प्रमुख स्थानों पर बॉक्स रखे जाएंगे। कचरा हटने की सूचना अब ओटीपी के मार्फत घर के मुखिया के मोबाइल पर आएगी।