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Nagaur patrika…शहर की दीवारों पर खिले -रंगे सांस्कृतिक धरोहर के कई रंग…VIDEO

नागौर. शहर में अब प्रवेश करने वाले लोगों को राजस्थानी सांस्कृतिक धरोहर की एक झलक मिलेगी। नगरपरिषद की ओर से शहरभर में भित्ति-चित्रों की अनोखी पहल शुरू की है। प्रमुख मार्गों, सार्वजनिक स्थलों और प्रवेश द्वारों को राजस्थान की परंपरा, लोकजीवन और प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़ते ये आकर्षक पेंटिंग्स बनाने का काम शुरू कर दिया […]

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नागौर. शहर में अब प्रवेश करने वाले लोगों को राजस्थानी सांस्कृतिक धरोहर की एक झलक मिलेगी। नगरपरिषद की ओर से शहरभर में भित्ति-चित्रों की अनोखी पहल शुरू की है। प्रमुख मार्गों, सार्वजनिक स्थलों और प्रवेश द्वारों को राजस्थान की परंपरा, लोकजीवन और प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़ते ये आकर्षक पेंटिंग्स बनाने का काम शुरू कर दिया गया हैं। इसके पीछे उद्देश्य है कि इस अभियान से न केवल शहर का सौंदर्य बढ़ेगा , बल्कि पर्यटकों और स्थानीय लोगों को अपनी संस्कृति से जोडऩे का काम करेगा।

सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने की अनोखी शुरुआत
नागौर शहर में प्रवेश करने वाले लोगों को अब दीवारों पर राजस्थानी संस्कृति और परंपरा की झलक सहज ही देखने को मिलेगी। नगरपरिषद की ओर से शहर के विभिन्न स्थानों पर रंगीन, आकर्षक और विषयगत पेंटिंग्स बनाई जा रही हैं, जो नागौर की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती हुई नजर आएगी। इसके लिए पहले चरण में कुछ महत्वपूर्ण स्थानों पर चित्रकारी का कार्य पूरा हो चुका है, और शहर का दृश्य अब पहले की तुलना में अधिक जीवंत नजर आने लगा है।
राजकीय स्टेडियम में भरा कला का अनूठा रंग
इस पहल की शुरुआत राजकीय स्टेडियम से की गई। यहां दो प्रमुख जगहों पर भव्य पेंटिंग्स बनाई गई हैं। इन चित्रों में खेल प्रतियोगिताओं, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और स्टेडियम की ऊर्जा से भरे वातावरण को आकर्षक ढंग से दर्शाया गया है। इसी तरह से बासनी पुलिया के नीचे भी पेन्टिंग बनाई गई है। इसमें चिंकारा हरिण, चरते हुए भेड़ों का झुंड और चरवाहे का पारंपरिक जीवन अत्यंत सुंदरता से उकेरा गया है। यह चित्र राजस्थान के ग्रामीण परिवेश, प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक चरवाहा संस्कृति को जीवंत रूप में सामने लाता है। अधिकारियों का मानना है कि नगरपरिषद की यह कोशिश नागौर के शहरी और ग्रामीण जीवन के सामंजस्य को भी रेखांकित करती है। इससे लोगों में सांस्कृतिक विशेषताओं के प्रति लगाव बढ़ेगा। नगरपरिषद आने वाले समय में शहर के और भी प्रमुख स्थलों, प्रवेश द्वारों और मुख्य चौराहों को थीम आधारित पेंटिंग्स से सजाने की योजना बना रही है। इससे नागौर की सांस्कृतिक छवि को मजबूत बनाने के साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
इस पर भी देना चाहिए ध्यान, तभी होगा शहर सुंदर
शहर में नगरपरिषद पेन्टिंग तो बनवा रहा है, लेकिन शहर की ज्यादातर सडक़ें टूटी हुई है। ऐसे में पहला काम सडक़ों को व्यवस्थित कराने का होना चाहिए था। इससे लोगों को वास्तव में बेहतर अहसास हो। चित्र अच्छे दिखेंगे, लेकिन सडक़ें खराब मिलेगी तो फिर नागौर की एक बेहतर इमेज लोगों के मन में कैसे बन पाएगी
हर किसी को सुखद अहसास हो
पेंटिंग्स का उद्देश्य शहर में आने वाले हर व्यक्ति को नागौर की सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव कराना है। हम चाहते हैं कि नागौर की दीवारें हमारी पहचान बनें। हर यात्री को लगे कि वह एक सांस्कृतिक विरासत वाले शहर में प्रवेश कर रहा है।
गोविंद सिंह भींचर, आयुक्त नगरपरिषद नागौर