नागौर. शहर के बीकानेर रोड रेलवे फाटक (सी-61) को करीब 15 दिन चले आंदोलन के बाद आखिरकार मंगलवार को खोलना पड़ा। फाटक खुलने के बाद समूचे शहर ने राहत की सांस ली। मौके पर मौजूद दुकानदारों व ऑटो चालकों ने शहर ऑल संगठन समाज संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक रूपसिंह पंवार व पार्षद गोविन्दकड़वा को कंधों पर उठाकर संघर्ष की जीत का जश्न मनाया और एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी। संयोजक पंवार ने इस मौके पर मौजूद एसडीएम लाखाराम, डीएसपी रामप्रताप विश्नोई, एनएच के एक्सईएन दीपक परिहार आदि का भी मुंह मीठा करवाकर आभार जताया। पार्षद गोविंद कड़वा ने कहा कि शहर के लोगों को अपनी मांगों के लिए जागरूक होकर आगे आना चाहिए। यह संघर्ष का ही परिणाम रहा कि रेलवे बंद फाटक को फिर से खोलने को तैयार हुआ। पार्षद कड़वा व संयोजक पंवार ने इस आंदोलन से जुड़े समाचारों को प्रमुखता से प्रकाशित करने पर राजस्थान पत्रिका का आभार जताया। रात को साढ़े 9 बजे से फाटक खोलने को लेकर पूर्व में प्रस्तावित तेजाजी के जागरण का आयोजन किया गया। जिसमें रात भर तेजाजी व अन्य देवी-देताओं के भजन हुए। वहीं सुबह सुंदरकांड व आरती होगी। बुधवार को पैदल खरनाल जाने का भी कार्यक्रम है।
गौरतलब है कि 16 जनवरी को आरओबी कार्य के चलते 84 दिन के लिए रेलवे फाटक बंद की गई थी, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही व लेटलतीफी के चलते काम आठ माह बाद भी पूरा नहीं हो सकता। ऐसे में परेशान शहरवासियों ने 15 दिन पहले शहर ऑल संगठन समाज संयुक्त संघर्ष समिति बनाते हुए रूपसिंह पंवार को संयोजक बनाया था। संघर्ष समिति ने 17 सितम्बर को पशु प्रदर्शनी में रैली का आयोजन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसमें आरओबी का निर्माण कार्य समय पर पूरा करवाने व फाटक खोलने की मांग की गई थी। इसके बावजूद फाटक नहीं खुलने पर संयोजक पंवार ने 24 सितम्बर को तेजाजी का जागरण देने व 25 को रेल रोको आंदोलन करने की चेतावनी दी, जिसके बाद अधिकारी हरकत में आए और रातों-रात कमी पूर्ति करके मंगलवार को दोपहर में फाटक खुलवा दी।
सुबह हुई बैठक
फाटक खोलने से पहले एसडीएम लाखाराम की अध्यक्षता में उपखंड अधिकारी कार्यालय में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में संघर्ष समिति की बैठक बुलाई गई। बैठक में समिति के संयोजक से समझाइश की गई कि फाटक खुलने में एक-दो दिन लग सकते हैं, इसलिए पटरियों पर धरना नहीं दें, लेकिन वे अड़े रहे। उधर, प्रशासनिक अधिकारियों ने रेलवे के अधिकारियों से समन्वय बनाते हुए मंगलवार को ही फाटक खोलने का निर्णय ले लिया।
बिना मापदंड बना दिए स्पीड ब्रेकर, पहले ही दिन गिरे बाइक चालक
एनएच के अधिकारियों ने फाटक के दोनों तरफ सीमेंट के स्पीड ब्रेकर बनाए हैं, जो निर्धारित मापदंड के विपरीत है। स्पीड ब्रेकर ढलाननुमा होने की बजाए खड़ी ऊंचाई वाले हैं, जो वाहनों के इंजन से टच हो रहे हैं। मंगलवार को जैसे ही वाहन निकलने लगे, बाइक चालक गिर गए। वहीं ऑटो बीच में फंस गए। शहरवासियों ने सीमेंटेट स्पीड ब्रेकर के पास में डामर से ढलान बनाने की मांग की है।
अब जल्द बने आरओबी
आरओबी का निर्माण कार्य पूरा करवाने के लिए दो बार ठेके देने के बावजूद 7 साल में काम पूरा नहीं हो पाया है। इसके शहरवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरे ठेकेदार ने ओवरब्रिज का तय समय पर निर्माण पूरा करने की बजाए काम अधूरा छोड़ दिया है। फाटक खुल गई है, यहां से दुपहिया और छोटे चार पहिया वाहन ही निकल सकेंगे, क्योंकि आरओबी के पिलर बनने से रास्ता काफी संकरा हो गया है। स्थाई समाधान आरओबी बनने के बाद ही हो पाएगा। साथ ही नागौर और बीकानेर के बीच ट्रेनों का आवागमन अधिक होने से दर्जनों बार फाटक को बंद करना पड़ेगा। कई बार क्रॉसिंग होने पर आधे-आधे घंटे तक फाटक बंद रहेगी, जबकि अब जेएलएन अस्पताल बीकानेर रोड पर है तो एमसीएच विंग पुराना अस्पताल भवन में संचालित हो रही है, ऐसे में मरीजों को लाने-ले जाने में जो परेशानी आ रही है, वो आरओबी बनने के बाद ही खत्म होगी।