नागौर. अजमेर डिस्कॉम के लगभग तीन हजार ठेकेदारों के एक साथ हड़ताल पर जाने से व्यवस्था पूरी तरह तरह से चरमरा गई है। विभिन्न क्षेत्रों में गिरे पोलों को दुरुस्त तक नहीं करवा पा रहा है डिस्कॉम। हड़ताल की वजह से ही नागौर ग्रामीण क्षेत्रों में जायल, खींवसर एवं साजू और रोल सहित कई इलाकों में बिजली के गिरे पोलों के दुरुस्त नहीं होने के कारण इस भीषण गर्मी में लोगों को बिजली तक नहीं मिल पा रही है। इसके बाद भी डिस्कॉम एवं ठेकेदारों की संघर्ष समिति में गतिरोध बना हुआ है। हालांकि सोमवार को जिला ठेकेदार समिति के अध्यक्ष सीताराम काला के नेतृत्व में समिति के अन्य ठेकदारों के साथ अधीक्षण अभियंता एफ. आर. मीणा से हुई मुलाकात में तीन मांगों पर सहमति तो बन गई, लेकिन शेष पर अभी भी गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। मुलाकात के दौरान संघर्ष समिति की ओर से अधीक्षण अभियंता मीणा को स्पष्ट कर दिया गया कि सात दिनों में शेष मांग भी पूरी नहीं हुई तो विवशता में भूख हड़ताल पर बैठेंगे। इस दौरान बिजली व्यवस्था और ज्यादा गड़बड़ाई तो इसका जिम्मेदार खुद डिस्कॉम होगा।
ठेकदारों ने काम करने से किया मना
जिला ठेकेदार समिति की ओर से चल रही हड़ताल के कारण जिले में बिजली के पोलों को व्यवस्थित करने के साथ ही कनेक्शन एवं बिजली लाइन बिछाने सरीखे काम पूरी तरह से ठप पड़े हुए हैं। जिले में संघर्ष समिति के बैनरतले पूरे 70 ठेकेदारों ने मांगों के पूरा होने के पहले कोई भी कार्य करने से स्पष्ट मना कर दिया है। बताते हैं कि दो दिन पूर्व ही अजमेर के डिस्कॉम के एमडी के. पी. वर्मा से भी मुलाकात हुई थी, लेकिन आश्वासन के अतिरिक्त कुछ नहीं मिला। इससे ठेकेदार असंतुष्ट हैं। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि उनकी मांगें न्यायोचित होने होने की बात डिस्कॉम भी स्वीकार कर चुका है। इसके बाद भी मांगों को नहीं मानना समझ से परे रहा। सोमवार को अधीक्षण अभियंता मीणा के साथ करीब एक घंटे तक चली वार्ता के दौरान मेन्टीनेन्स व कृषि का काम अनुमानित जी शेड्युल बनाकर आवश्यकतानुसार कार्य समस्त ठेकेदारों को दिया जाने, कार्य पूर्ण करने वाले ठेकेदार को बिना रोस्टर प्रणाली आदेश जारी कर राहत प्रदान की जाने, वर्तमान में निगम की ओर से बकाया कार्यों का ई टेन्डर कर कार्य देने का निर्णय लिया गया है उसको दोबारा विचार कर रू 25.00 लाख तक कार्य बिना टेन्डर किए रोस्टर प्रणाली के तहत फर्म आदेश जारी किए जाने आदि की मांग पर सहमति बन गई। समिति के पदाधिकारियों ने बातचीत के दौरान यह भी कहा कि वर्तमान में सीएलआरसी दर वर्ष 2014 की दर पर टेन्डर निकाल कर कार्य दिया जा रहा है। जबकि अन्य डिस्काम में यह दर कमेटी बनाकर वर्ष 202-2024 तक में बढी दरों के अनुसार न्यायोचित की गई है। इसी प्रकार अविविनिलि में भी दरें रिवाइज की जानी चाहिए। यह मांग भी पूरी होनी चाहिए, नहीं तो फिर एक सप्ताह के पश्चात समिति भूख हड़ताल का एलान कर देगी।
इनका कहना है…
इस संबंध में जिला ठेकेदार समिति के पदाधिकारियों के साथ बातचीत हुई है, और कई मांगों पर सहमति बन गई है। शेष के लिए भी रास्ता निकाल लिया जाएगा। व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
एफ. आर. मीणा, अधीक्षण अभियंता अजमेर डिस्कॉम-नागौर